औसतन 19 वर्ष की आयु के इन युवा कैडेटों के अदम्य साहस, संकल्प और देशभक्ति को सलाम करते हुए रक्षा मंत्री ने टीम को 10 लाख रुपये का चेक भेंट किया। इस अभियान का नेतृत्व कर्नल अमित बिष्ट ने किया था।
कार्यक्रम राजधानी दिल्ली के साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय में आयोजित किया गया था, जहां कैडेटों ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने एवरेस्ट यात्रा के दौरान मिले कठोर प्रशिक्षण, नियोजन और विषम परिस्थितियों में सामना की गई चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा, "इन कैडेटों ने साहस, अनुशासन, संकल्प और धैर्य का जो परिचय दिया है, वह सभी युवाओं के लिए प्रेरणास्पद है। माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर इन्होंने यह दिखा दिया कि भारत का युवा किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटता।"
उन्होंने एनसीसी के समग्र विकास कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि एनसीसी न केवल युवाओं में देशभक्ति की भावना भरता है, बल्कि उन्हें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से भी मजबूत बनाता है। उन्होंने कैडेटों के परिजनों को भी इस असाधारण उपलब्धि में उनका समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया।
इस मौके पर एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि यह एनसीसी का तीसरा सफल एवरेस्ट अभियान है। इससे पहले 2013 और 2016 में भी एनसीसी कैडेटों ने यह गौरव हासिल किया था। इस वर्ष के अभियान में कुल 10 कैडेटों के साथ एक अधिकारी दल, प्रशिक्षक, जूनियर कमीशंड और गैर-कमीशंड अधिकारी भी शामिल थे। विशेष रूप से दल में भारतीय सेना के पहले एवरेस्ट विजेता सूबेदार मेजर बलकार सिंह भी मौजूद थे, जबकि दल का सबसे युवा सदस्य मात्र 16 वर्ष का था।
यह साहसिक यात्रा 3 अप्रैल 2025 को रक्षा मंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना की गई थी। अभियान के दौरान सभी सुरक्षा और संचालन प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया गया।