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Sunday, May 11, 2025

Charu Aghi / Lucknow /April 12, 2025

आज पूरे देश में चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। यह पवित्र दिन भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में जाना जाता है, जिन्हें संकटमोचन, पवनपुत्र और श्रीराम भक्त के रूप में पूजा जाता है। इस वर्ष हनुमान जयंती 12 अप्रैल, शनिवार को मनाई जा रही है, और इस अवसर पर मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। विशेष रूप से, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के दावे के अनुसार, हनुमान जी का जन्म आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में अंजनाद्री हिल्स पर हुआ था, जिसने इस पर्व को और भी खास बना दिया है।

Hanuman Temple at Anjanadri Hill
धर्म / हनुमान जयंती 2025: अंजनाद्री हिल्स पर हुआ था हनुमान का जन्म, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम का दावा

हनुमान जयंती का महत्व:
हनुमान जयंती का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को माता अंजना के गर्भ से भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार और श्रीराम का परम भक्त माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन विधि-विधान से उनकी पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं, मंगल दोष का प्रभाव कम होता है और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। इस वर्ष पूजा के शुभ मुहूर्त सुबह 7:35 से 9:11 और शाम 6:45 से 8:08 तक हैं।

Anjanadri Hill- The Birthplace of the Hindu God, Hanuman

अंजनाद्री हिल्स और TTD का दावा:
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने दावा किया है कि भगवान हनुमान का जन्म तिरुमाला की सात पहाड़ियों में से एक, अंजनाद्री हिल्स पर हुआ था। TTD ने राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुरलीधर शर्मा की अध्यक्षता में गठित पंडित परिषद के शोध के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। इस शोधपत्र में पौराणिक, भौगोलिक, साहित्यिक और वैज्ञानिक तथ्यों का हवाला देते हुए कहा गया है कि वाल्मीकि रामायण, महाभारत, स्कंद पुराण, शिव पुराण और अन्य ग्रंथों में अंजनाद्री को हनुमान जी का जन्मस्थान बताया गया है।

TTD के अनुसार, अंजनाद्री पहाड़ी पर माता अंजना ने हनुमान जी को जन्म दिया था, और यह स्थान आकाशगंगा जलप्रपात के निकट जपाली तीर्थम में स्थित है। इस दावे को मजबूत करने के लिए TTD ने अंजनाद्री पर हनुमान जी की 30 फीट ऊंची प्रतिमा और माता अंजना का मंदिर बनाने की योजना शुरू की है, जिसका शिलान्यास हो चुका है।
हालांकि, हनुमान जी के जन्मस्थान को लेकर अन्य दावे भी हैं। कुछ मान्यताएं नासिक (महाराष्ट्र) की अंजनेरी पहाड़ी और हम्पी (कर्नाटक) की अंजनाद्री को उनका जन्मस्थान बताती हैं। फिर भी, TTD का शोध और पुराणों के हवाले इस दावे को बल प्रदान करते हैं।

हनुमान जयंती पर पूजा-अर्चना:
देशभर के मंदिरों में आज सुबह से ही हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और रामचरितमानस के पाठ का आयोजन हो रहा है। भक्तों द्वारा हनुमान जी को सिंदूर, चमेली का तेल, लाल लंगोट, गुलाब की माला और गुड़-चने का भोग अर्पित किया जा रहा है। ज्योतिषियों का कहना है कि इस दिन तिल के तेल का दीपक जलाने और हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जयंती पर कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए। भक्तों को तामसिक भोजन, प्याज-लहसुन और श्रीराम का अपमान करने से बचना चाहिए। साथ ही, महिलाओं को हनुमान जी की प्रतिमा को स्पर्श करने और बजरंग बाण का पाठ करने से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि हनुमान जी को ब्रह्मचारी माना जाता है।

हनुमान जयंती पर राशिफल:
ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युंजय तिवारी के अनुसार, इस वर्ष हनुमान जयंती मेष, सिंह, कन्या, धनु और कुंभ राशि वालों के लिए विशेष रूप से शुभ रहेगी। इन राशियों को धन लाभ, करियर में उन्नति और संकटों से मुक्ति मिलने की संभावना है।

देशभर में उत्सव:
हनुमान जयंती के अवसर पर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 41 दिनों तक उत्सव मनाया जाता है। तिरुमाला के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और प्रवचनों का आयोजन हो रहा है। दिल्ली, वाराणसी, अयोध्या और अन्य प्रमुख शहरों में भी हनुमान मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।

हनुमान जयंती का संदेश:
हनुमान जयंती न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह भक्ति, शक्ति और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक भी है। हनुमान जी का जीवन हमें सत्य, धर्म और प्रभु भक्ति की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। इस अवसर पर भक्तों से अपील है कि वे हनुमान जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं और समाज में सकारात्मकता फैलाएं।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न धार्मिक मान्यताओं और शोधों पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि वे इसे सामान्य जानकारी के रूप में लें और अपने विवेक का उपयोग करें।

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