उड़ने वाली कारों का सफर: विज्ञान की नई छलांग :
फ्लाइंग कारें, जिन्हें तकनीकी भाषा में
Aeromobiles या
VTOL (Vertical Take-Off and Landing) वाहन कहा जाता है, ऐसे वाहन हैं जो ज़मीन और हवा दोनों जगह चल सकते हैं। यानी ये कारें ज़रूरत पड़ने पर सड़क पर भी चलेंगी और आसमान में भी उड़ेंगी।
इसका सबसे बड़ा फायदा है –
ट्रैफिक जाम से छुटकारा और तेज़ सफर। अनुमान है कि यह तकनीक आने वाले वर्षों में
Urban Air Mobility (UAM) का आधार बनेगी।
प्रमुख कंपनियाँ और उनके मॉडल :
1. Terrafugia Transition (USA)
* यह एक हाइब्रिड फ्लाइंग कार है, जिसे कार और हवाई जहाज़ दोनों रूपों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
* 2009 में इसका पहला परीक्षण हुआ था।
* यह कार दो यात्रियों को ले जा सकती है और इसके पंख आसानी से मोड़े जा सकते हैं।
* अमेरिका की फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने इसे स्पेशल ड्राइविंग परमिशन भी दिया है।
2. AeroMobil (Slovakia)
* 2020 में पहली बार सफल परीक्षण किया गया।
* यह फ्लाइंग कार VTOL तकनीक पर आधारित है।
* इसे खास तौर पर शहरी इलाकों के लिए डिजाइन किया गया है।
* यह कुछ ही मिनटों में कार से एयरक्राफ्ट में बदल सकती है।
3. Joby Aviation (USA)
* यह कंपनी 100% इलेक्ट्रिक फ्लाइंग कार बना रही है।
* इसकी VTOL कार एक बार चार्ज होने पर लगभग 150 मील तक उड़ान भर सकती है।
* यह बेहद
Noise-Free Technology पर आधारित है, जिससे यह शहरों में भी आसानी से उड़ सकती है।
* उम्मीद है कि 2024-26/ या फिर इससे भी ज्यादा समय तक इसे पूर्ण रूप से Taxi Service के रूप में लाया जाएगा।
4. Vertical Aerospace (UK)
* इसकी
VA-X4 फ्लाइंग कार 4 यात्रियों को बैठाकर 200 मील प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है।
* पूरी तरह से इलेक्ट्रिक है।
* 2023 में इसके परीक्षण शुरू हो चुके हैं।
5. Lilium (Germany)
* जर्मनी की कंपनी Lilium ने 5-सीटर Air Taxi डिजाइन किया है।
* इसमें 36 रोटर्स लगे हैं, जो इसे VTOL की क्षमता देते हैं।
* इसे खास तौर पर शहरों में
On-Demand Taxi Service के लिए बनाया गया है।
फ्लाइंग कारों की खूबियाँ :
* ट्रैफिक जाम से राहत – हवा में उड़ने की वजह से सड़क के जाम की समस्या नहीं होगी।
* फास्ट ट्रैवल (Fast Travel) – छोटी दूरी का सफर मिनटों में पूरा किया जा सकता है।
* इको-फ्रेंडली (Eco-Friendly) – अधिकतर फ्लाइंग कारें इलेक्ट्रिक मोटर से चलेंगी, जिससे प्रदूषण कम होगा।
* स्मार्ट और सुरक्षित (Smart & Safe) – इनमें Automated Pilot System, Collision Avoidance Sensors और Emergency Landing सिस्टम होंगे।
* स्पेस सेविंग (Space Saving) – इनका डिज़ाइन ऐसा है कि यह पार्किंग में ज्यादा जगह नहीं घेरेंगी।
चुनौतियाँ: क्या आसान होगा उड़ना? :
हालांकि तकनीक तैयार है, लेकिन कुछ बड़ी चुनौतियाँ अभी बाकी हैं:
1. सुरक्षा (Safety) – हवा में उड़ान के दौरान खराबी या टकराव की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा कैसे होगी?
2. विनियमन (Regulations) – क्या सरकारें आम लोगों को उड़ने वाली कारें इस्तेमाल करने देंगी? इसके लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम बदलना होगा।
3. इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) – हवाई पट्टियों और **Sky Ports** की ज़रूरत होगी।
4. कीमत (Cost) – शुरुआती फ्लाइंग कारों की कीमत करोड़ों में होगी, जिससे आम जनता तक पहुंचना मुश्किल होगा।
5. बैटरी और पावर (Battery & Power) – इलेक्ट्रिक कारों की तरह फ्लाइंग कारों को भी पावरफुल बैटरियों की ज़रूरत होगी।
भारत और फ्लाइंग कारों की तैयारी :
भारत में भी इस दिशा में काम शुरू हो चुका है।
* 2022 में एक स्टार्टअप ने दावा किया था कि उसने प्रोटोटाइप फ्लाइंग कार विकसित की है।
* नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने Urban Air Mobility के लिए कई प्रोजेक्ट्स की अनुमति दी है।
* आने वाले वर्षों में बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में इसका परीक्षण हो सकता है।
भविष्य की तस्वीर :
संजय सक्सैना का मानना है कि आने वाले 10-15 वर्षों में फ्लाइंग कारें हमारे जीवन का हिस्सा होंगी। पहले इनका इस्तेमाल **Air Taxi Service**, Medical Emergency और VIP Transport में होगा। बाद में, जब उत्पादन बड़े स्तर पर होगा और कीमतें घटेंगी, तब आम लोग भी इसका लाभ उठा सकेंगे।
फ्लाइंग कारें न सिर्फ विज्ञान की बड़ी छलांग हैं, बल्कि यह भविष्य की शहरी परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखती हैं। हालांकि इनके सामने सुरक्षा, नियम और कीमत जैसी चुनौतियाँ हैं, लेकिन आने वाले वर्षों में यह आम इंसान के सफर का हिस्सा बन सकती हैं। -
संजय सक्सैना