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Tuesday, October 14, 2025

24JT News Desk / Udaipur /September 4, 2025

खेलों में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (NDTL) में डोपिंग रोधी विश्लेषण के लिए तैयार की गई स्वदेशी रासायनिक संदर्भ सामग्री – मेथान्डिएनोन लॉन्ग-टर्म मेटाबोलाइट (LTM) – का औपचारिक शुभारंभ किया।

"डोपिंग रोधी विज्ञान में भारत का बड़ा कदम, केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने स्वदेशी रासायनिक संदर्भ सामग्री का किया लोकार्पण" | Photo Source : PIB
विज्ञान / डोपिंग रोधी विज्ञान में भारत का बड़ा कदम, केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने स्वदेशी रासायनिक संदर्भ सामग्री का किया लोकार्पण

यह ऐतिहासिक कदम भारत को एंटी-डोपिंग विज्ञान में आत्मनिर्भरता की ओर ले जाता है। यह रासायनिक मानक विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) से मान्यता प्राप्त सभी प्रयोगशालाओं में विश्लेषण के लिए अत्यंत आवश्यक माना जाता है।

डॉ. मांडविया ने इस अवसर पर NDTL की 22वीं गवर्निंग बॉडी मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए कई अहम घोषणाएं कीं। इस मौके पर उन्होंने एनडीटीएल का नया न्यूज़लेटर भी जारी किया, जिसमें हालिया वैज्ञानिक उपलब्धियों, रणनीतिक सहयोगों और वैश्विक डोपिंग रोधी प्रयासों में भारत की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया गया है।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में नया मील का पत्थर


यह स्वदेशी संदर्भ सामग्री एनडीटीएल नई दिल्ली और राष्ट्रीय औषधि शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (NIPER), गुवाहाटी के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। यह प्रयास ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की भावना से पूरी तरह मेल खाता है और भारत को एंटी-डोपिंग रिसर्च में वैश्विक मंच पर एक सशक्त खिलाड़ी के रूप में प्रस्तुत करता है।

वैश्विक स्तर पर होगा साझा


इस रासायनिक संदर्भ सामग्री को दुनिया भर की WADA-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के साथ साझा किया जाएगा, जिससे वैश्विक स्तर पर एंटी-डोपिंग विश्लेषण में भारत की भूमिका को पहचान मिलेगी।

अनुसंधान और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा


डॉ. मांडविया ने इस मौके पर बाह्य अनुसंधान अनुदान नीतियों पर भी विस्तार से चर्चा की। इन नीतियों के तहत शैक्षणिक संस्थानों, प्रयोगशालाओं और युवा शोधकर्ताओं को डोपिंग रोधी अनुसंधान में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें प्रतिबंधित पदार्थों की रासायनिक संरचना, बायोमार्कर प्रोफाइलिंग और विश्लेषणात्मक विकास जैसे क्षेत्र शामिल होंगे।

एथलीट जैविक पासपोर्ट पर भारत का फोकस


मंत्री ने एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई (APMU) की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि भारत को इस क्षेत्र में दक्षिण एशिया का केंद्र बनाया जा सकता है। उन्होंने पड़ोसी देशों से एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट प्राप्त करने और इस सेवा का दायरा बढ़ाने का सुझाव भी दिया।

वैज्ञानिक उत्कृष्टता के लिए सम्मान


इस अवसर पर वैज्ञानिक मान्यता और पुरस्कारों की नई रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई। इसका उद्देश्य अनुसंधान, नवाचार और सार्वजनिक शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करना है।

डॉ. मांडविया ने कहा कि यह पहल सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि वैश्विक खेल परिदृश्य में भारत के मजबूत होते कदमों की प्रतीकात्मक घोषणा है। उन्होंने कहा, "भारत अब न केवल अपने लिए, बल्कि वैश्विक दक्षिण के लिए भी विज्ञान और पारदर्शिता का एक मजबूत स्तंभ बन रहा है।"

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