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Tuesday, October 14, 2025

24JT NEWSDESK / Udaipur /September 16, 2025

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने रविवार को देहरादून स्थित ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में उत्तराखंड के पहले एन-विडिया डीजीएक्स बी200-संचालित हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (HPC) एआई सेंटर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल में ईमानदारी और नैतिकता को अनिवार्य बताते हुए छात्रों और शोधकर्ताओं को सतर्क रहने की सलाह दी।

"डॉ. जितेंद्र सिंह ने देहरादून में उत्तराखंड के पहले एन-विडिया डीजीएक्स बी200 एआई केंद्र का उद्घाटन किया" | Photo Source : PIB
देश / डॉ. जितेंद्र सिंह ने देहरादून में उत्तराखंड के पहले एन-विडिया डीजीएक्स बी200 एआई केंद्र का उद्घाटन किया, एआई के नैतिक उपयोग पर दिया जोर

डॉ. सिंह ने कहा, "AI अगर विवेकपूर्ण और नैतिक तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह चमत्कार कर सकता है। लेकिन इसके गलत इस्तेमाल, जैसे डीपफेक और फेक न्यूज़, समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। तकनीक का कोई नैतिक विकल्प नहीं होता।"

उन्होंने आगे कहा कि AI को मानवीय बुद्धिमत्ता का पूरक माना जाना चाहिए, न कि उसका विकल्प। इस दिशा में हाइब्रिड मॉडल – जहां तकनीक और इंसानी निर्णय एक साथ काम करें – को बढ़ावा देना समय की मांग है।

उत्तराखंड को मिला अत्याधुनिक एआई-संसाधन


1.5 लाख वर्ग फुट में फैले इस केंद्र में एन-विडिया DGX B200 सिस्टम लगाया गया है, जिसमें 8 GPU और 1.74 टीबी GPU मेमोरी की सुविधा है। 10 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित यह केंद्र स्वास्थ्य, कृषि, पर्यावरण, स्मार्ट शहरों और इंडस्ट्री 4.0 जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार को गति देगा।

यह AI Excellence Center, Apple और Infosys के सहयोग से एक iOS डेवलपमेंट सेंटर भी संचालित करेगा। यह उत्तराखंड का पहला हाई-एंड AI केंद्र है जो छात्रों, स्टार्टअप्स और शोधकर्ताओं के लिए नए अवसर खोलेगा।

डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया मिशनों को मिलेगा बढ़ावा


ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय, जो NIRF 2025 में 48वें स्थान पर है और NAAC A+ मान्यता प्राप्त है, अब AWS द्वारा समर्थित भारत का पहला जनरेटिव एआई-केंद्रित कैंपस बन चुका है। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, यह केंद्र डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्किल इंडिया जैसी सरकारी पहलों के अनुरूप कार्य करेगा।

ग्रामीण भारत में भी AI की पहुँच


अपने संबोधन में मंत्री ने सरकार की कुछ सफल पहलों का जिक्र किया, जैसे ग्रामीण इलाकों में AI-सक्षम टेलीमेडिसिन वैन का संचालन। उन्होंने बताया कि इन वैन के माध्यम से डॉक्टरों की अनुपस्थिति वाले क्षेत्रों में भी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा कि AI के माध्यम से शिकायत निवारण प्रणाली को भी और प्रभावी बनाया जा सकता है, लेकिन चेतावनी दी कि सिर्फ तकनीक के भरोसे शासन व्यवस्था नहीं चल सकती — जवाबदेही और पारदर्शिता ज़रूरी है।

अंत में क्या बोले मंत्री जी?


"हमने तकनीकी क्रांतियों को देर से अपनाया है, लेकिन आज भारत क्वांटम और स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। अब हमें इस गति को बनाए रखना है। AI और नवाचार को ईमानदारी के साथ जोड़ा जाए, तभी हम भारत के डिजिटल भविष्य को सही दिशा में ले जा सकते हैं।"

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