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Friday, June 20, 2025

24JT News Desk / Udaipur /June 5, 2025

भारत और किर्गिज़ गणराज्य के बीच द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) आज से प्रभाव में आ गई है। केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और किर्गिज गणराज्य के विदेश मंत्री श्री झीनबेक कुलुबाएव मोल्दोकानोविच ने आज राष्ट्रीय राजधानी में इस संधि के प्रोटोकॉल पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए और अनुसमर्थन दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया।

"भारत-किर्गिज़स्तान द्विपक्षीय निवेश संधि आज से प्रभावी, निवेश सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को मिलेगा नया बल" | Photo Source : PIB
राष्ट्रीय / भारत-किर्गिज़स्तान द्विपक्षीय निवेश संधि आज से प्रभावी, निवेश सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को मिलेगा नया बल

यह संधि वर्ष 2019 में बिश्केक में हस्ताक्षरित BIT को प्रभावी बनाती है और 12 मई 2000 को लागू हुई पूर्व संधि का स्थान लेती है। 5 जून 2025 से लागू हो रही यह नई संधि दोनों देशों के बीच निवेश की सुरक्षा और निरंतरता को सुनिश्चित करेगी।

संधि की प्रमुख बातें:



इस संधि की प्रस्तावना में सतत विकास पर विशेष बल दिया गया है।

उद्यम आधारित परिसंपत्तियों को स्पष्ट परिभाषित करते हुए इसमें एक समावेशन और बहिष्करण सूची शामिल की गई है, जिससे निवेश की प्रकृति और दायरे को स्पष्ट रूप से समझा जा सके।

स्थानीय शासन, कराधान, अनिवार्य लाइसेंस, और सरकारी सेवाओं को इस संधि के दायरे से बाहर रखा गया है, जिससे संबंधित सरकारों को नीतिगत स्वतंत्रता मिल सके।

निवेशकों और मेज़बान देश के बीच विवादों को सुलझाने हेतु निवेशक-राष्ट्र विवाद निपटान तंत्र (ISDS) को मजबूती दी गई है, जिसमें स्थानीय उपायों के प्रयोग की अनिवार्यता जोड़ी गई है।

संधि में राष्ट्रीयकरण, अधिग्रहण और प्रतिपादन से जुड़े प्रावधानों को भी संतुलित तरीके से शामिल किया गया है, ताकि दोनों पक्षों के हित सुरक्षित रहें।

पहले मौजूद 'सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र' (MFN) की धारणा को इस नई संधि से हटाया गया है, जिससे अब निवेशक अन्य संधियों से विशेष लाभ नहीं ले सकेंगे।

इसमें सामान्य एवं सुरक्षा अपवादों का प्रावधान किया गया है, जिनमें सार्वजनिक स्वास्थ्य, नैतिकता और पर्यावरण की रक्षा जैसे विषय शामिल हैं।


भारत-किर्गिज़ संबंधों में नया मोड़


यह संधि भारत और किर्गिज गणराज्य के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इससे सीमा पार निवेश को बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों के निवेशक अब एक लचीले, पारदर्शी और सुरक्षित माहौल में काम कर सकेंगे।

विशेषज्ञों की राय


अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह समझौता भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति के तहत मध्य एशियाई देशों से गहरे आर्थिक रिश्ते बनाने में सहायक होगा।

नज़रें अब निवेश के नए अध्याय पर


अब जब यह संधि लागू हो चुकी है, उम्मीद है कि भारत और किर्गिज़स्तान के बीच निवेश प्रवाह में इज़ाफा होगा और दोनों देश आर्थिक विकास के साझेदार बनेंगे।

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