पहलगाम हमला: आतंक का क्रूर चेहरा
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बाइसारन घाटी में पांच सशस्त्र आतंकवादियों ने पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए। हमले में मुख्य रूप से हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया गया, हालांकि एक ईसाई पर्यटक और एक स्थानीय मुस्लिम भी शिकार बने। आतंकवादी संगठन 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ), जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी माना जाता है, ने शुरू में हमले की जिम्मेदारी ली, हालांकि बाद में उन्होंने इससे इनकार किया। यह 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला था।
आतंकवादियों ने एम4 कार्बाइन और एके-47 जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया और सैन्य वर्दी पहनकर घाटी में घुसे। जांच में पता चला कि हमलावरों में शामिल हाशिम मूसा, एक पाकिस्तानी आतंकवादी, पाकिस्तान सेना का पूर्व पैरा कमांडो था, जिसे लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने के लिए भेजा गया था। भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर हमले को समर्थन देने का आरोप लगाया।
ऑपरेशन सिंदूर: सटीक और संयमित हमला
भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई 2025 की तड़के 1:44 बजे 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। इस त्रि-सेवा अभियान में सेना, नौसेना और वायुसेना ने हिस्सा लिया। ऑपरेशन में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें पाकिस्तान के बहावलपुर (जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय) और मुरीदके (लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय), और पीओके के कोटली और मुजफ्फराबाद शामिल थे।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, "हमारी कार्रवाई केंद्रित, संयमित और गैर-उत्तेजक थी। कोई भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा निशाना नहीं बनी।" भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने इन ठिकानों की पहचान की थी। ऑपरेशन में मिसाइल हमले, कामिकaze ड्रोन और लॉइटरिंग मुनिशन का इस्तेमाल किया गया, और सभी हमले भारतीय क्षेत्र से किए गए। सभी भारतीय पायलट और उपकरण सुरक्षित लौटे।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने पुष्टि की कि भारतीय वायुसेना ने बहावलपुर और मुरीदके को निशाना बनाया। भारत ने स्पष्ट किया कि उसकी कार्रवाई केवल आतंकी ठिकानों तक सीमित थी, और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
ऑपरेशन का नाम और प्रेरणा
'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम पहलगाम हमले में मारे गए नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी की तस्वीर से प्रेरित था, जो वायरल हुई थी। यह तस्वीर देश में गहरी भावनाओं को जगाने वाली थी, और ऑपरेशन का नाम उन नवविवाहित जोड़ों को श्रद्धांजलि देता है जो हमले का शिकार बने।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऑपरेशन को "युद्ध की कार्रवाई" करार दिया और कहा कि पाकिस्तान इसका जवाब "अपने समय और स्थान पर" देगा। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि भारत ने छह स्थानों पर हमले किए, जिसमें आठ लोग मारे गए। पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि उसने दो भारतीय विमान और एक ड्रोन मार गिराया, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई।
पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारी गोलाबारी शुरू की, जिसमें पुंछ और राजौरी में तीन नागरिक मारे गए। भारतीय सेना ने इसका जवाब दिया और कहा कि वह "मापा हुआ और उचित" प्रतिक्रिया दे रही है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
बीबीसी के अनुसार, भारत ने ऑपरेशन के बारे में अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, यूएई और रूस को जानकारी दी। अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने कहा, "पहलगाम हमले के बाद भारत को आत्मरक्षा का अधिकार है।" अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दोनों देशों से संयम बरतने को कहा। संयुक्त राष्ट्र ने भारत-पाकिस्तान तनाव पर शांति की अपील की। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ एकजुटता जताई।
भारत की कूटनीतिक और सैन्य तैयारियां
ऑपरेशन से पहले भारत ने कई कूटनीतिक कदम उठाए, जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना, अटारी सीमा बंद करना, और पाकिस्तानी विमानों के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र बंद करना शामिल था। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह ऑपरेशन पहलगाम हमले के जवाब में पहला चरण था, और भविष्य में और कार्रवाइयां हो सकती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन की निगरानी की और सैन्य बलों को पूरी स्वतंत्रता दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, "भारत माता की जय!" विपक्षी नेताओं ने भी कार्रवाई की सराहना की।
भविष्य की आशंकाएं
ऑपरेशन के बाद भारत ने सुरक्षा उपाय सख्त कर दिए। श्रीनगर और कश्मीर घाटी में सेना के विमान गश्त कर रहे हैं, और 244 जिलों में राष्ट्रीय सुरक्षा अभ्यास की योजना है। जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी और पुंछ में स्कूल-कॉलेज बंद हैं।
पाकिस्तान ने लाहौर और सियालकोट हवाई अड्डों को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया। खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीओके में आतंकी लॉन्चपैड खाली कर दिए गए हैं, क्योंकि पाकिस्तान को भारत के और हमलों का डर है।
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक है। बीबीसी की रिपोर्ट और अन्य स्रोतों के अनुसार, यह कार्रवाई न केवल पहलगाम हमले का जवाब है, बल्कि भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। हालांकि, क्षेत्रीय तनाव बढ़ने की आशंका बनी हुई है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय शांति की अपील कर रहा है।
नोट: 90 आतंकवादियों के मारे जाने की संख्या कुछ अनौपचारिक स्रोतों में उल्लिखित है। रक्षा मंत्रालय की आधिकारिक ब्रीफिंग में इसकी पुष्टि अपेक्षित है।