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Friday, June 20, 2025

24JT News Desk / New Delhi /April 28, 2025

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन मैदान में हुए भीषण आतंकवादी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ा दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। इसे 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय / पहलगाम हमला: चीन ने पाकिस्तान की ‘संप्रभुता’ का समर्थन किया, भारत-पाकिस्तान से संयम बरतने का आग्रह

हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर मिलीभगत का आरोप लगाया है और प्रतिक्रिया स्वरूप सिंधु जल संधि को निलंबित करने तथा पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करने जैसे सख्त कदमों की घोषणा की है। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने सभी द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा करने का संकेत दिया है, जिसमें 1972 का शिमला समझौता भी शामिल है।

इस संवेदनशील पृष्ठभूमि में, 27 अप्रैल को चीन के विदेश मंत्री वांग यी और पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के बीच फोन पर बातचीत हुई। इस बातचीत में वांग यी ने पाकिस्तान की ‘संप्रभुता’ और ‘वैध सुरक्षा चिंताओं’ के लिए चीन के समर्थन को दोहराया।

चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, वांग यी ने कहा,
“चीन पाकिस्तान की संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा का समर्थन करता है और आतंकवाद के खिलाफ उसके प्रयासों को मान्यता देता है। हम निष्पक्ष जांच के शीघ्र आरंभ का समर्थन करते हैं और चाहते हैं कि दोनों देश संयम बरतें।”

उन्होंने यह भी कहा कि चीन घटनाक्रम पर "करीबी निगरानी" रख रहा है और भारत तथा पाकिस्तान के बीच संकट को गहराने से रोकने के लिए शांति और संवाद को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।

चीन की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब भारत में यह संभावना बढ़ रही है कि सरकार बालाकोट हवाई हमले (2019) और उरी सर्जिकल स्ट्राइक (2016) जैसे सैन्य विकल्पों पर विचार कर सकती है। भारतीय अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है।

इस तनाव के बीच पाकिस्तान ने भी वांग यी से बातचीत में भारत के किसी भी संभावित आक्रामक कदम के प्रति अपनी चिंताओं को साझा किया। पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि,
“पाकिस्तान ऐसी किसी भी कार्रवाई का विरोध करता है जो क्षेत्रीय स्थिति को और अधिक जटिल बना सकती है।”

गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की थी और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का समर्थन किया था।

विश्लेषकों का मानना है कि चीन का पाकिस्तान के साथ खड़ा होना उसकी रणनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है, जहां बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) एक महत्वपूर्ण घटक है। हाल के वर्षों में भारत-चीन संबंधों में बढ़े तनाव, विशेषकर डोकलाम और गलवान झड़पों के बाद, क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर चीन का दृष्टिकोण और भी सतर्क हो गया है।

फिलहाल, वैश्विक बिरादरी इस घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए है। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भी संयम बरतने और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने का आह्वान किया है।
भारत में राजनीतिक नेतृत्व और रणनीतिक विशेषज्ञ इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि इस गंभीर हमले के जवाब में सैन्य, कूटनीतिक या आर्थिक – कौन सा रास्ता चुना जाए।

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