Tranding
Friday, June 20, 2025

24JT News Desk / New Delhi /March 29, 2025

नई दिल्ली, 29 मार्च 2025: पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 123 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शुक्रवार, 28 मार्च को अपना अनशन समाप्त कर दिया। इसकी जानकारी पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी। डल्लेवाल ने सुबह पानी पीकर अपनी चार महीने 11 दिन की भूख हड़ताल खत्म की, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर शुरू की गई थी। पंजाब सरकार के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ को यह सूचना दी।

राष्ट्रीय / 123 दिन बाद किसान नेता डल्लेवाल का अनशन खत्म, पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी सूचना



लंबे समय से चला आ रहा था आंदोलन:
जगजीत सिंह डल्लेवाल, जो संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के प्रमुख नेता हैं, ने 26 नवंबर 2024 को खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया था। उनकी मांग थी कि केंद्र सरकार किसानों को एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून बनाए और 2021 के कृषि कानूनों के विरोध के बाद किए गए वादों को पूरा करे। इस दौरान उनकी सेहत लगातार बिगड़ती रही। डॉक्टरों ने बताया कि वह कैंसर से पीड़ित हैं और भूख हड़ताल के कारण दवाइयां भी नहीं ले पा रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने कई बार उनकी सेहत को लेकर चिंता जताई थी और पंजाब सरकार को उन्हें चिकित्सा सहायता देने के निर्देश दिए थे।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और पंजाब सरकार का जवाब:
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने बताया कि डल्लेवाल ने अपना अनशन समाप्त कर लिया है और पानी पी लिया है। इसके साथ ही, सरकार ने यह भी सूचित किया कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को हटा दिया गया है और अवरुद्ध राजमार्गों को यातायात के लिए खोल दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर संतोष जताते हुए डल्लेवाल को "सच्चा किसान नेता" बताया, जिसका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। कोर्ट ने कहा, "हम जानते हैं कि कुछ लोग किसानों की शिकायतों का समाधान नहीं चाहते, लेकिन हम स्थिति से अनभिज्ञ नहीं हैं।"

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकारों को जमीनी हालात की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही, किसानों की मांगों पर विचार के लिए गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति से भी पूरक रिपोर्ट मांगी गई। कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ चल रही अवमानना कार्रवाई को भी बंद कर दिया, जो डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता देने में देरी के कारण शुरू की गई थी।

किसान संगठनों की प्रतिक्रिया:
डल्लेवाल के अनशन समाप्त करने की खबर के बाद किसान संगठनों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, कुछ किसान नेताओं ने इसे आंदोलन के लिए नई दिशा की संभावना के रूप में देखा है। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बीच पिछले कुछ महीनों में कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला था। डल्लेवाल की सेहत को लेकर किसानों में चिंता बनी हुई थी, और कई बार प्रदर्शनकारियों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की कोशिशों का विरोध किया था।

123 दिनों का संघर्ष:
डल्लेवाल का अनशन 123 दिनों तक चला, जो भारतीय किसान आंदोलन के इतिहास में एक लंबा और महत्वपूर्ण अध्याय बन गया। इस दौरान पंजाब सरकार ने अस्थायी अस्पताल बनाया और डॉक्टरों की टीम तैनात की, लेकिन डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सेहत की स्थिति जानने के लिए एम्स के मेडिकल बोर्ड से रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया था कि इतने लंबे अनशन के बावजूद उनकी सेहत में सुधार कैसे दिख रहा है।

किसानों का आंदोलन पिछले साल 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर जारी था, जहां सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली जाने से रोका था। डल्लेवाल के अनशन समाप्त करने और बॉर्डर से किसानों के हटने के बाद अब यह देखना बाकी है कि आंदोलन किस दिशा में बढ़ता है। केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत की उम्मीदें बढ़ी हैं, लेकिन एमएसपी की कानूनी गारंटी जैसे मुद्दों पर अभी कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं मिला है।

Subscribe

Tranding

24 JobraaTimes

भारतीय लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को बनाये रखने व लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए सवंत्रता, समानता, बन्धुत्व व न्याय की निष्पक्ष पत्रकारिता l

Subscribe to Stay Connected

2023 © 24 JOBRAA - TIMES MEDIA & COMMUNICATION PVT. LTD. All Rights Reserved.