मंत्री महोदय ने ज्ञान सरोवर में आयोजित 51वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया, जिसका विषय था — “मन-शरीर चिकित्सा: स्व-देखभाल माध्यम से स्वास्थ्य सेवा नेतृत्व”।
उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ का ध्यान, आत्मबल और संतुलित जीवन शैली पर ज़ोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘समेकित स्वास्थ्य दृष्टिकोण’ के पूर्णत: अनुरूप है। उन्होंने कहा कि "सच्चा स्वास्थ्य केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य में निहित है।"
इस दौरान श्री जाधव ने ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी से भी मुलाकात की और 'ध्यान दिवस' मनाने के उनके प्रस्ताव का स्वागत करते हुए पूर्ण समर्थन देने की बात कही।
इसके साथ ही, एक अहम घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (NMPT), ब्रह्माकुमारीज़ के कृषि प्रभाग द्वारा संचालित औषधीय वृक्षारोपण पहल का समर्थन करेगा। इसका उद्देश्य देशभर में औषधीय और आध्यात्मिक पौधों के उपयोग को प्रोत्साहित करना है।
श्री जाधव ने माउंट आबू में ब्रह्माकुमारीज़ के कई महत्वपूर्ण स्थलों — शांति स्तंभ, ग्लोबल हॉस्पिटल, पांडव भवन और कला दीर्घा — का भ्रमण किया और कहा कि ये स्थान “आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा के अद्वितीय केंद्र” हैं।
उन्होंने ध्यान सत्र में भाग लिया और इसे “आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करने वाला अनुभव” बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अनुभव न केवल मानसिक एकाग्रता को बढ़ाते हैं, बल्कि संतुलित, सकारात्मक और आत्म-प्रेरित जीवन की ओर भी प्रेरित करते हैं।