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Tuesday, October 14, 2025

24JT News Desk / Udaipur /September 4, 2025

ग्रामीण भारत की कला, संस्कृति और उद्यमिता की जीवंत झलक देने वाला 27वां सरस आजीविका मेला इस साल 5 से 22 सितंबर 2025 तक राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के तत्वावधान में लगने वाले इस मेले में देशभर के स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) से जुड़ी 400 से अधिक महिलाएं अपने उत्पादों के साथ भाग लेंगी।

"दिल्ली में 5 से 22 सितंबर तक लगेगा 27वां 'सरस आजीविका मेला', देशभर से 400 से अधिक महिला उद्यमियों की होगी भागीदारी" | Photo Source : PIB
देश / दिल्ली में 5 से 22 सितंबर तक लगेगा 27वां 'सरस आजीविका मेला', देशभर से 400 से अधिक महिला उद्यमियों की होगी भागीदारी

शहरी दर्शकों को मिलेगा ग्रामीण जीवन का अनुभव


गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव (ग्रामीण आजीविका), सुश्री स्वाति शर्मा ने बताया कि सरस मेला केवल बाजार नहीं, एक संस्कृति और अनुभव का उत्सव है। उन्होंने कहा,

"यह मेला शहरी लोगों को न केवल ग्रामीण उत्पादों से जोड़ता है, बल्कि उन्हें ग्रामीण जीवन के रंगों, स्वादों और अनुभवों से भी रूबरू कराता है।"

उन्होंने बताया कि मेले में हर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम, बच्चों के लिए खेल और मनोरंजन के साधन, और परिवारों के लिए कई अनुभवात्मक गतिविधियाँ रखी गई हैं।

ग्रामीण महिलाओं को मिला अंतरराष्ट्रीय मंच


संयुक्त सचिव स्वाति शर्मा ने आगे बताया कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं आज डिजिटल मार्केटिंग, पैकेजिंग, और विपणन तकनीकों में दक्ष हो चुकी हैं। अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसी दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियाँ इनके उत्पादों को बाजार तक पहुँचाने में सहयोग कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पाद अब विदेशों में भी निर्यात किए जा रहे हैं – हाल ही में मालदीव को निर्यात किया गया।

"सरस मेला – अपनी जड़ों से जुड़ने का एक जरिया" – डॉ. मोलिश्री


कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्रालय की निदेशिका, डॉ. मोलिश्री ने कहा कि सरस मेला लोगों को अपने मूल, अपनी मिट्टी से जोड़ता है।
उन्होंने कहा कि

"यह एक ऐसा मंच है जहाँ शहरी उपभोक्ता सीधे उन महिलाओं से मिलते हैं जो गाँवों में अपनी मेहनत से व्यवसाय चला रही हैं।"

डॉ. मोलिश्री ने बताया कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत अब तक 10 करोड़ से अधिक महिलाएं (दीदियां) जुड़ चुकी हैं, जिनमें से 2 करोड़ 'लखपति दीदी' बन चुकी हैं – यानी वे महिलाएं जिनकी सालाना आय ₹1 लाख से अधिक हो चुकी है।

सरस 2025 की प्रमुख झलकियाँ:


_नॉलेज पैवेलियन: वित्तीय साक्षरता, डिजिटल मार्केटिंग, पैकेजिंग और व्यापार योजना पर प्रशिक्षण सत्र।

_अनुभव पैवेलियन:लाइव डेमो, लखपति दीदियों की प्रेरक कहानियाँ, पारंपरिक शिल्प और खाद्य निर्माण की झलक।

_कन्वर्जेंस पैवेलियन:कृषि, पशुपालन, MSME, कौशल विकास जैसे मंत्रालयों की भागीदारी से उद्यमिता को बढ़ावा।

प्रमुख उत्पाद:


* साड़ियाँ: तसर, बाघ प्रिंट, पाटोला, कांथा, चंदेरी

* ऊनी वस्त्र: उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश से

* प्राकृतिक खाद्य सामग्री

* लकड़ी की कारीगरी: कर्नाटक, तेलंगाना

* झारखंड के पलाश उत्पाद और जैविक सामान

* अन्य आकर्षण:
_सांस्कृतिक कार्यक्रम – हर शाम विविधता का रंग
_पर्यावरण-संवेदनशील पहल
_वरिष्ठ नागरिकों के लिए कार्ट सेवा
_बच्चों के लिए एंटरटेनमेंट जोन
_छात्रों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं

प्रवेश निःशुल्क है और मेले के दौरान सुरक्षा और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की गई है।

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