मुंबई छोड़ गोवा से जुड़ेंगे यशस्वी:
23 साल के यशस्वी जायसवाल ने अगले घरेलू क्रिकेट सीजन (2025-26) में मुंबई की जगह गोवा का प्रतिनिधित्व करने का फैसला किया है। उन्होंने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) को पत्र लिखकर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मांगा, जिसे जल्द ही स्वीकार कर लिया गया। यशस्वी ने अपने बयान में कहा, “मुंबई छोड़ने का फैसला मेरे लिए बहुत मुश्किल था। मैं आज जो कुछ भी हूं, वह मुंबई और MCA की वजह से हूं। मैं हमेशा इसका आभारी रहूंगा। लेकिन गोवा ने मुझे एक नई चुनौती और कप्तानी का मौका दिया है, जिसे मैंने स्वीकार किया। मेरा पहला लक्ष्य भारत के लिए अच्छा प्रदर्शन करना है और जब भी मैं राष्ट्रीय ड्यूटी पर नहीं रहूंगा, गोवा के लिए खेलकर उसे टूर्नामेंट में आगे ले जाने की कोशिश करूंगा।”
रहाणे से अनबन बनी वजह?:
यशस्वी के इस फैसले के पीछे गोवा से कप्तानी का ऑफर तो एक कारण है, लेकिन एक बड़ी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुंबई टीम मैनेजमेंट और कप्तान अजिंक्य रहाणे के साथ उनके रिश्ते भी इसकी वजह बने। रिपोर्ट के मुताबिक, यशस्वी मुंबई के सेटअप में लगातार दबाव और सवालों से परेशान थे। खास तौर पर अजिंक्य रहाणे के साथ उनकी अनबन ने इस फैसले को तेज किया।
बताया जा रहा है कि दोनों के बीच तनाव 2022 में शुरू हुआ था। उस वक्त दलीप ट्रॉफी के फाइनल में वेस्ट जोन के कप्तान रहाणे ने यशस्वी को साउथ जोन के बल्लेबाज रवि तेजा के खिलाफ ज्यादा स्लेजिंग करने के लिए मैदान से बाहर भेज दिया था। यशस्वी ने उस मैच में 265 रनों की शानदार दोहरी शतकीय पारी खेली थी, लेकिन इस घटना ने उनके और रहाणे के रिश्तों में दरार डाल दी। इसके बाद पिछले सीजन में जम्मू और कश्मीर के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में भी कुछ ऐसा ही हुआ। इस मुकाबले में यशस्वी का प्रदर्शन खराब रहा और दूसरी पारी में उनके शॉट चयन पर रहाणे और कोच ओमकार साल्वी ने सवाल उठाए। गुस्से में यशस्वी ने जवाब दिया और कथित तौर पर रहाणे के किटबैग को लात भी मार दी। इस घटना को उनके मुंबई छोड़ने का आखिरी कारण माना जा रहा है।
मुंबई मैनेजमेंट से भी थी नाराजगी:
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यशस्वी मुंबई टीम मैनेजमेंट के रवैये से खुश नहीं थे। उनके शॉट चयन और खेलने के तरीके पर बार-बार सवाल उठाए जा रहे थे, जिससे वह असहज महसूस करने लगे थे। एक युवा खिलाड़ी के तौर पर उन्हें लगातार दबाव में रखा जा रहा था, जिसके चलते उन्होंने नई शुरुआत करने का फैसला लिया। गोवा ने उन्हें कप्तानी का मौका देकर एक नया रास्ता दिखाया, जो मुंबई में संभव नहीं था। मुंबई टीम में पहले से ही रहाणे (रेड बॉल) और श्रेयस अय्यर (व्हाइट बॉल) जैसे सीनियर खिलाड़ी कप्तानी कर रहे हैं।
यशस्वी का अब तक का सफर:
उत्तर प्रदेश के भदोही से ताल्लुक रखने वाले यशस्वी जायसवाल ने मुंबई में अपनी क्रिकेट यात्रा शुरू की थी। 12 साल की उम्र में वह मुंबई आए और कड़ी मेहनत के बाद घरेलू क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने मुंबई के लिए 36 प्रथम श्रेणी मैचों में 3712 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 12 अर्धशतक शामिल हैं। उनकी औसत 60.85 की रही है। 2019 में विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड के खिलाफ 203 रनों की दोहरी शतकीय पारी ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया था। इसके बाद वह भारतीय टेस्ट टीम के नियमित सलामी बल्लेबाज बन गए। 19 टेस्ट में उनके नाम 1798 रन हैं, जिसमें 4 शतक और 10 अर्धशतक शामिल हैं।
गोवा के लिए क्या होगा फायदा?:
गोवा क्रिकेट टीम के लिए यशस्वी का आना एक बड़ा मौका है। पिछले सीजन में प्लेट ग्रुप जीतकर गोवा ने रणजी ट्रॉफी के एलीट ग्रुप में जगह बनाई थी। अब यशस्वी जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के साथ उनकी टीम और मजबूत होगी। गोवा क्रिकेट एसोसिएशन ने भी इस फैसले को स्वागत योग्य बताया है और उम्मीद जताई है कि यशस्वी की मौजूदगी से युवा खिलाड़ियों को सीखने का मौका मिलेगा। हालांकि, यह देखना बाकी है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के व्यस्त शेड्यूल के बीच वह गोवा के लिए कितना समय दे पाएंगे।
यशस्वी जायसवाल का यह फैसला भारतीय घरेलू क्रिकेट में एक नया मोड़ लेकर आया है। मुंबई जैसे बड़े क्रिकेट केंद्र को छोड़कर गोवा जैसे छोटे राज्य की टीम से जुड़ना उनके करियर का बड़ा कदम है। फैंस को उम्मीद है कि वह इस नई चुनौती में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे। दूसरी ओर, मुंबई क्रिकेट के लिए यह एक झटका भी माना जा रहा है। आने वाले दिनों में इस फैसले के और नतीजे सामने आएंगे। क्रिकेट की ताजा खबरों के लिए बने रहें!