प्रोस्टेट कैंसर क्या है?
प्रोस्टेट पुरुषों में एक छोटी ग्रंथि होती है, जो मूत्र मार्ग के पास होती है और शुक्राणु को बाहर निकालने में मदद करती है। जब इस ग्रंथि में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, तो प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है। यह बीमारी 50 साल से अधिक उम्र के पुरुषों में ज्यादा होती है, लेकिन कभी-कभी 40 साल की उम्र के बाद भी हो सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
- आनुवंशिक कारण: अगर परिवार में किसी को यह बीमारी हो चुकी है, तो खतरा बढ़ जाता है।
- हार्मोनल असंतुलन: शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ने से भी यह हो सकता है।
- गलत खानपान: अधिक तला-भुना या फैट वाला खाना और कम शारीरिक मेहनत भी इसका कारण बन सकता है।
प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है और शुरुआत में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते। अगर यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाए, तो इलाज मुश्किल हो सकता है। लेकिन अगर समय पर पता चल जाए, तो इसे ठीक करने की संभावना ज्यादा होती है।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण:
प्रोस्टेट कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण हैं:
- पेशाब करने में दिक्कत, जैसे बार-बार पेशाब जाना या पेशाब में रुकावट।
- पेशाब में जलन या खून आना।
- सेक्स के दौरान दर्द।
- पीठ, जांघ या हड्डियों में दर्द।
ध्यान दें, ये लक्षण हमेशा कैंसर का संकेत नहीं होते। ये किसी अन्य बीमारी के कारण भी हो सकते हैं। इसलिए, इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।
प्रोस्टेट कैंसर के कारण:
1. उम्र: 50 साल से अधिक उम्र के पुरुषों में इसका खतरा ज्यादा होता है।
2. परिवारिक इतिहास: अगर पिता या भाई को यह बीमारी हो चुकी है, तो जोखिम बढ़ जाता है।
3. जीन में बदलाव: कुछ जीन, जैसे BRCA1 और BRCA2, कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
4. गलत जीवनशैली: ज्यादा फैट वाला खाना, मोटापा और कम व्यायाम इस बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर से बचाव के आसान उपाय:
प्रोस्टेट कैंसर से बचने के लिए अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव लाना जरूरी है। ये उपाय न केवल इस बीमारी से बचाते हैं, बल्कि पूरे शरीर को स्वस्थ रखते हैं:
1. वजन नियंत्रित रखें
मोटापा प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ाता है। खासकर पेट की चर्बी हार्मोन असंतुलन और सूजन का कारण बन सकती है। संतुलित खाना खाएं और रोज व्यायाम करें। इससे वजन नियंत्रित रहेगा और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
2. शारीरिक रूप से सक्रिय रहें
नियमित व्यायाम, जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना या तैरना, प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम करता है। हफ्ते में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करें। इससे हार्मोन संतुलन बेहतर होता है और शरीर में सूजन कम होती है।
3. हरी सब्जियां और फल खाएं
ब्रोकली, फूलगोभी, टमाटर और पत्तागोभी जैसी सब्जियां कैंसर के खतरे को कम करती हैं। टमाटर में लाइकोपीन नामक तत्व प्रोस्टेट की सेहत के लिए अच्छा होता है। साबुत अनाज, दालें और फल भी खाएं। ये शरीर से हानिकारक तत्व निकालने में मदद करते हैं।
4. रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड से बचें
ज्यादा रेड मीट (जैसे भेड़ या गाय का मांस) और प्रोसेस्ड मीट (जैसे सॉसेज) खाने से कैंसर का खतरा बढ़ता है। इनके बजाय मछली, मुर्गी, दाल या बीन्स जैसे प्रोटीन खाएं।
5. ज्यादा चीनी और फैट वाले खाने से परहेज करें
तला-भुना खाना और मीठा खाने से मोटापा और सूजन बढ़ती है। इसके बजाय बादाम, अखरोट, जैतून का तेल और एवोकाडो जैसे स्वस्थ वसा वाले खाद्य पदार्थ खाएं।
6. धूम्रपान और शराब कम करें
सिगरेट और ज्यादा शराब पीने से कैंसर का खतरा बढ़ता है। धूम्रपान छोड़ें और शराब का सेवन सीमित करें।
7. नियमित जांच करवाएं
प्रोस्टेट कैंसर शुरुआत में लक्षण नहीं दिखाता, इसलिए नियमित जांच जरूरी है। खासकर जिनके परिवार में यह बीमारी रही हो, उन्हें PSA टेस्ट और डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE) करवाना चाहिए।
संजय सक्सेना के अनुसार प्रोस्टेट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही जीवनशैली और समय पर जांच से इससे बचा जा सकता है। स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम और डॉक्टरी जांच इस बीमारी के जोखिम को कम करते हैं। अपनी सेहत का ध्यान रखें, क्योंकि स्वस्थ शरीर ही खुशहाल जीवन की नींव है।