इस आतंकी हमले में कम से कम 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी और दर्जनों घायल हुए थे। इस घटना के बाद देशभर में आक्रोश की लहर फैल गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बिहार के मधुबनी में आयोजित राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम में इस हमले की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए कहा,
"भारत आतंकवाद को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। हम आतंकियों और उनके मददगारों को ढूंढ निकालेंगे और ऐसी सज़ा देंगे जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी।"
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की आत्मा को आतंक से डराया नहीं जा सकता और न्याय के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
"हमारे संकल्प को कोई तोड़ नहीं सकता। यह देश हर आतंकी को उसके अंजाम तक पहुंचाएगा,"** उन्होंने जोर देकर कहा।
प्रधानमंत्री ने हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभा की शुरुआत में मौन रखवाया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस कठिन समय में भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है।
इस हमले के बाद गृह मंत्रालय ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और सुरक्षा एजेंसियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की संलिप्तता के संकेत मिले हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला है।
पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह ने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश आतंकियों को करारा जवाब देगा।
सरकार की ओर से यह स्पष्ट संदेश गया है कि अब न केवल हमलावरों को, बल्कि उनके संरक्षकों को भी जवाबदेह बनाया जाएगा — चाहे वे देश में हों या सीमा पार।