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Friday, June 20, 2025

Charu Aghi / Dehradun /April 28, 2025

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद, अभिनेता अतुल कुलकर्णी ने एक साहसी कदम उठाते हुए पहलगाम का दौरा किया और पूरे देश को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, *"यह हमारा कश्मीर है, यह हमारा देश है, हमें डरना नहीं है, आना है।"

Photo Source : @atul_kulkarni/X
मनोरंजन / अभिनेता अतुल कुलकर्णी का पहलगाम दौरा: कहा- "चलिए जी कश्मीर चलें हमको यहाँ आना है आतंक को हराना है

22 अप्रैल को हुए हमले में कम से कम 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी और इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इसी दर्दनाक घटना के बाद, अतुल कुलकर्णी ने पहलगाम की यात्रा की और अपने अनुभव को सोशल मीडिया पर साझा किया।

@atul_kulkarni

चलिए जी कश्मीर चलें
सिंधु, झेलम किनार चलें
कश्मीरियत की बात सुनें
कश्मीरियों की बात बनें
चलिए जी, कश्मीर चलें

27 अप्रैल को कुलकर्णी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पहलगाम यात्रा की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए। एक तस्वीर में वे "I Love Pahalgam" फोटो बूथ के सामने मुस्कुराते हुए नज़र आए। एक अन्य वीडियो में वे स्थानीय व्यंजनों का आनंद लेते और कश्मीरी लोगों से गर्मजोशी से बातचीत करते दिखाई दिए।

उन्होंने हिंदी में कैप्शन लिखा:
"ये हिंदोस्तान की जागीर है, डर से हिम्मत भारी है। ये हिंदोस्तान की जागीर है, नफरत प्यार से हारी है। चलिए जी कश्मीर चलें, सिंधु, झेलम किनार चलें। मैं आया हूं, तुम भी आओ।"

इस संदेश के साथ उन्होंने हैशटैग भी इस्तेमाल किए:
#चलो_कश्मीर #FeetInKashmir #कश्मीरियत #LoveCompassion #DefeatTerror

कुलकर्णी ने अपनी पोस्ट के जरिए लोगों से आतंक के डर को हराने और कश्मीर की असली सुंदरता और संस्कृति को गले लगाने का आह्वान किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद का जवाब डर से नहीं, बल्कि प्रेम, एकता और उपस्थिति से दिया जाना चाहिए।



उनकी पहल पर कई अन्य कलाकारों और आम लोगों ने भी समर्थन जताया है। सोशल मीडिया पर उनका संदेश वायरल हो रहा है और 'चलो कश्मीर' अभियान को एक नया जनसमर्थन मिल रहा है।

**पहलगाम में शांति का संदेश**

अतुल कुलकर्णी ने बताया कि पहलगाम और कश्मीर के अन्य हिस्सों में आम लोग पर्यटकों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद कुछ गिने-चुने लोगों की करतूत है, जबकि कश्मीर के असली लोग प्रेम, भाईचारे और शांति के प्रतीक हैं।

निष्कर्ष:

अतुल कुलकर्णी का यह कदम न केवल एक साहसिक उदाहरण है, बल्कि एक प्रेरणा भी है कि कैसे एकजुट होकर आतंकवाद के भय को हराया जा सकता है। उनका संदेश साफ है— कश्मीर हमारा है, और हमें डरना नहीं है, बल्कि वहां जाकर कश्मीरियत और भारतीयता को मजबूत करना है।

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