केंद्र सरकार द्वारा देशव्यापी जातिगत जनगणना कराने की घोषणा के बाद राष्ट्रीय राजनीति में एक नई बहस शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे “लंबे संघर्ष की जीत” बताते हुए सरकार से जनगणना की समयसीमा तय करने की मांग की है, जबकि सरकार के सहयोगियों ने इसे ऐतिहासिक कदम करार दिया है।
बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले केंद्र सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए घोषणा की है कि आगामी दशकीय जनगणना में जाति आधारित गणना भी शामिल की जाएगी। यह फैसला राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने इसी मांग को समाज को विभाजित करने वाला कदम बताकर ठुकरा दिया था।
दिल्ली की एक अदालत ने 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की क्लोज़र रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। इस फैसले के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से माफ़ी की मांग की है, आरोप लगाते हुए कि इन नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को झूठे आरोपों के आधार पर बदनाम किया।
20 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई। इस घटना ने घाटी में हाल ही में लौटते सामान्य हालात और पर्यटन गतिविधियों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। घटना के बाद 24 अप्रैल को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें प्रमुख विपक्षी दलों सहित कई दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।