थीम: "इसे किसान तक ले चलो"
इस वर्ष की थीम “Take It to the Farmer” यानी “इसे किसान तक ले चलो” रखी गई है। उद्देश्य है — वैश्विक दक्षिण में कृषि नवाचारों को जमीनी स्तर पर किसानों तक पहुँचाना और उन्हें टिकाऊ खाद्य प्रणाली के केंद्र में लाना।
उद्घाटन सत्र में विशेषज्ञों ने रखे विचार
ICAR के महानिदेशक डॉ. मांगी लाल जाट ने उद्घाटन सत्र में कहा:
“तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में कृषि-खाद्य प्रणालियाँ नई चुनौतियों से जूझ रही हैं। ऐसे में छोटे किसानों को केंद्र में रखकर समाधान विकसित करने और उन्हें शीघ्र लागू करने की जरूरत है। भारत, कृषि नवाचारों के क्षेत्र में वैश्विक दक्षिण का नेतृत्व कर सकता है।”
वर्ल्ड फूड प्राइज़ फाउंडेशन के वरिष्ठ निदेशक श्री निकोल प्रेंगर ने इस आयोजन को भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने याद दिलाया कि आज से 60 वर्ष पहले डॉ. नॉर्मन बोरलॉग की सहायता से भारत में अर्ध-बौने गेहूं की खेती शुरू हुई थी, जिसने देश को संभावित अकाल से उबारा और हरित क्रांति की नींव रखी।
वैश्विक भागीदारी, साझा संकल्प
सम्मेलन में नेपाल, भूटान, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशों से आए अधिकारी और प्रतिनिधिमंडल हिस्सा ले रहे हैं। भागीदारों में शामिल हैं:
_थिनले नामग्याल, सचिव, कृषि व पशुधन मंत्रालय, भूटान
_गोविंदा प्रसाद शर्मा, सचिव, कृषि व पशुपालन विकास मंत्रालय, नेपाल
_मैक्सिमो टोरेरो कुलेन, मुख्य अर्थशास्त्री, FAO (संयुक्त राष्ट्र)
_अमेरिका के लोवा राज्य से उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, जिनमें गवर्नर किम रेनॉल्ड्स, कृषि सचिव माइक नाइग, और फार्म ब्यूरो फेडरेशन के अध्यक्ष ब्रेंट जॉनसन प्रमुख हैं।
सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे:
* किसान-उन्मुख कृषि नवाचार
* लघु-उत्पादक फसलों का भविष्य
* दक्षिण-दक्षिण सहयोग
* पोषण-सुरक्षा और खाद्य मूल्य श्रृंखला
* अगली पीढ़ी की कृषि तकनीकें और रणनीतियाँ
* ‘डायलॉगनेक्स्ट’: हरित क्रांति की विरासत को आगे बढ़ाने का मंच
यह आयोजन डॉ. नॉर्मन बोरलॉग की विरासत को आगे बढ़ाने वाले त्रैवार्षिक वैश्विक संवादों की श्रृंखला का हिस्सा है। इसका अगला चरण 21-23 अक्टूबर, 2025 को अमेरिका के डेस मोइनेस, लोवा में आयोजित नॉर्मन ई. बोरलॉग अंतरराष्ट्रीय संवाद के रूप में आयोजित होगा।