गणेश की कहानियाँ : सीख का खज़ाना :
भगवान गणेश से जुड़ी हर कथा के पीछे कोई न कोई संदेश छिपा होता है। माता-पिता इन कहानियों के माध्यम से बच्चों को समझा सकते हैं कि किस तरह सरलता, बुद्धिमत्ता और परिवार का सम्मान जीवन में महत्वपूर्ण है।
ज्ञान और बुद्धि का महत्व :
गणेश जी “विद्या और बुद्धि के देवता” माने जाते हैं। उनकी कथा—जब उन्होंने माता-पिता की परिक्रमा कर सम्पूर्ण जगत की परिक्रमा कर ली—यह बताती है कि बल से अधिक बुद्धिमत्ता, जिज्ञासा और रचनात्मक सोच का महत्व है।
माता-पिता का सम्मान :
गणेश जी का अपने माता-पिता को सर्वोपरि मानना बच्चों को यह शिक्षा देता है कि बड़ों का आदर और आशीर्वाद ही उत्तम जीवन की नींव है।
विनम्रता से आती है महानता :
पूरी दुनिया में पूजे जाने के बावजूद भगवान गणेश का सरल और विनम्र स्वरूप यह सिखाता है कि सच्ची महानता धन-दौलत या बाहरी दिखावे से नहीं, बल्कि सरलता और दयालुता से आती है।
गलतियों से सीख : टूटा दांत, बड़ी शिक्षा :
गणेश जी का टूटा हुआ दांत हमें बताता है कि अपूर्णता कोई कमजोरी नहीं होती। उसी दांत से उन्होंने महाभारत लिखकर यह साबित किया कि गलतियाँ हमें आगे बढ़ने और सीखने का अवसर देती हैं।
पर्यावरण का संरक्षण :
आज के दौर में बच्चों को प्रकृति-प्रेम और पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा देना जरूरी है। मिट्टी की मूर्तियाँ, प्राकृतिक रंग और पर्यावरण-अनुकूल सजावट अपनाकर हम यह संदेश बच्चों को दे सकते हैं कि भक्ति और प्रकृति की रक्षा साथ-साथ चल सकती है।
बच्चों की सक्रिय भागीदारी :
त्योहार को बच्चों के लिए सार्थक बनाने के लिए उन्हें मोदक बनाने, सजावट करने, भजन गाने या मिट्टी की छोटी मूर्तियाँ बनाने जैसे कार्यों में शामिल करना चाहिए। इससे बच्चों का रचनात्मक विकास होता है और वे परंपरा से जुड़ाव महसूस करते हैं।
त्योहार से जीवन की पाठशाला :
गणेश चतुर्थी केवल उत्सव नहीं है, बल्कि यह जीवन की पाठशाला है। यह बच्चों को ज्ञान, विनम्रता, धैर्य, सम्मान और पर्यावरण-प्रेम की शिक्षा देकर उन्हें संवेदनशील और विवेकशील इंसान बनने की दिशा में अग्रसर करती है। - सीए ज्योति तोरानी