2-3 महीने बाद दिखेगा असर
दवाओं की नई कीमतों का असर तुरंत नहीं दिखेगा। बाजार में आमतौर पर 90 दिनों का दवा स्टॉक मौजूद रहता है, इसलिए नई कीमतें लागू होने में 2 से 3 महीने का समय लग सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस बढ़ोतरी से मरीजों की जेब पर असर जरूर पड़ेगा।
मरीजों पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ
इस फैसले से कैंसर, हृदय रोग और डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों के लिए इलाज और महंगा हो जाएगा। भारत में पहले से ही इन बीमारियों की दवाएं महंगी हैं, और अब कीमतों में यह बढ़ोतरी मरीजों के लिए नया संकट खड़ा कर सकती है। अनुमान के मुताबिक, भारत में 10.1 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जबकि कैंसर और हृदय रोग के मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।
सरकार और फार्मा कंपनियों की स्थिति
सरकार का कहना है कि यह मामूली बढ़ोतरी है और इसका उद्देश्य फार्मा कंपनियों को राहत देना है, जो लगातार बढ़ती लागत से जूझ रही हैं। हालांकि, कई फार्मा कंपनियों पर पहले ही अनुमत सीमा से अधिक दवा कीमतें वसूलने के आरोप लगे हैं। नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने हाल ही में 307 मामलों में ऐसी अनियमितताओं की पुष्टि की थी।
मरीजों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
मरीजों में इस फैसले को लेकर नाराजगी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कई यूजर्स ने चिंता जताई है। एक यूजर ने लिखा, _"पहले ही कैंसर का इलाज इतना महंगा है, अब दवाएं भी महंगी हो जाएंगी, तो हम जैसे मरीज क्या करेंगे?"_
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को दवा कीमतों को नियंत्रित करने के साथ-साथ मरीजों के लिए राहत योजनाएं भी शुरू करनी चाहिए।
पहले भी हो चुकी है कीमतों में कटौती
2024 में सरकार ने डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर की कुछ दवाओं की कीमतों में कटौती की थी। पिछले साल अगस्त में NPPA ने 70 आवश्यक दवाओं के दाम घटाए थे। लेकिन अब कीमतों में इस बढ़ोतरी ने मरीजों की चिंता बढ़ा दी है।
सरकार की राहत योजनाएं
सरकार ने मरीजों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) और AMRIT योजना जैसी योजनाएं चलाई हैं। इन योजनाओं के तहत कई दवाएं 50% तक की छूट पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इन योजनाओं का लाभ सभी मरीजों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
निष्कर्ष
यह फैसला जहां फार्मा कंपनियों के लिए राहत भरा है, वहीं मरीजों के लिए चिंता का विषय बन गया है। सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह इस बढ़ोतरी के प्रभाव को कम करने के लिए जल्द ही कोई ठोस कदम उठाएगी।