आवास एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल ने बताया कि पिछले वर्ष 8 लाख से अधिक CTUs को सुधार कर उपयोगी सार्वजनिक स्थान बनाया गया। इस बार भी इसी अभियान को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा ताकि देश के हर हिस्से में साफ-सफाई स्पष्ट रूप से दिखे। उन्होंने दिल्ली के भलस्वा डंपसाइट को गोद लेने की घोषणा की और 17 सितंबर को वहां सफाई कार्य की शुरुआत की बात कही।
केंद्रीय मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस अभियान को ‘स्वच्छोत्सव’ की थीम के तहत एक जिम्मेदार त्योहार बताया। उन्होंने 25 सितंबर को होने वाले राष्ट्रव्यापी स्वैच्छिक श्रमदान अभियान “एक दिन, एक घंटा, एक साथ” में देशवासियों से सक्रिय भागीदारी की अपील की। इसके साथ ही, सूरत और नवसारी में सफाईकर्मियों के कल्याण के लिए 8 से 10 करोड़ रुपये के सुरक्षा कोष की भी घोषणा की गई।
स्वच्छता ही सेवा 2025 के पांच मुख्य स्तंभ हैं:
_स्वच्छता लक्षित इकाइयों का रूपांतरण
_स्वच्छ सार्वजनिक स्थल
_सफाईमित्र सुरक्षा शिविर
_स्वच्छ हरित उत्सव
_जन-जागरूकता अभियान
स्वच्छता अभियान की तैयारी के लिए अगस्त-सितंबर 2025 में कई उच्चस्तरीय बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें केंद्रीय और राज्य सरकार के मंत्री, अधिकारी, और अन्य प्रतिनिधि शामिल थे। 25 सितंबर को पूरे देश में स्वच्छता के लिए स्वैच्छिक श्रमदान होगा, जिसमें सभी नागरिक, संस्थान और समुदाय एक साथ मिलकर स्वच्छ भारत के सपने को साकार करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मन की बात’ के 125वें एपिसोड में इस अभियान को जोर देते हुए कहा, “त्योहारों की खुशियों के बीच स्वच्छता पर भी जोर दें, क्योंकि जहां स्वच्छता है, वहां त्योहारों का आनंद और बढ़ जाता है।”
यह अभियान न केवल स्वच्छता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह ‘अंत्योदय से सर्वोदय’ के विचार को मूर्त रूप देने का भी प्रयास है, जिससे भारत 2047 तक एक विकसित, स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र बन सके।