इस वेबिनार में मध्य प्रदेश सरकार के पंजीयन एवं स्टाम्प विभाग और केरल सरकार की राज्य मिशन प्रबंधन इकाई द्वारा प्रस्तुत की गई दो पुरस्कार विजेता परियोजनाओं ने सबका ध्यान खींचा।
डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ते कदम: संपदा 2.0
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से पंजीयन महानिरीक्षक एवं स्टाम्प अधीक्षक श्री अमित तोमर ने 'संपदा 2.0' परियोजना की प्रस्तुति दी। यह अत्याधुनिक प्रणाली सम्पत्ति पंजीकरण को शत-प्रतिशत कागज रहित, कतार मुक्त, और सीमाहीन बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।
ई-स्टाम्पिंग, स्वचालित डीड ड्राफ्टिंग, ई-साइन व डिजिटल हस्ताक्षर की सुविधा के साथ-साथ जीआईएस और ओपन एपीआई आधारित इंटीग्रेशन इसे और भी प्रभावी बनाते हैं। अब नागरिक घर बैठे अपनी संपत्ति पंजीकृत कर सकते हैं—यह सेवा फेसलेस पंजीकरण की ओर बढ़ता एक बड़ा कदम है।
जल प्रबंधन में केरल की स्मार्ट पहल
वहीं दूसरी ओर, केरल सरकार की राज्य मिशन प्रबंधन इकाई, अमृत मिशन के निदेशक श्री सूरज शाजी ने “परियोजना निगरानी प्रणाली एवं जल गुणवत्ता सूचना प्रणाली” की प्रस्तुति दी।
यह डिजिटल प्लेटफॉर्म शहरी परियोजनाओं की निगरानी और जल गुणवत्ता पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। तत्काल अलर्ट, स्वचालित वर्कफ्लो, और डाटा-संचालित निर्णय प्रक्रिया इस प्रणाली को विशिष्ट बनाते हैं।
विशेष बात यह रही कि इस पहल में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूह—'अमृत मित्र' को भी शामिल किया गया है, जिससे सामुदायिक भागीदारी और जमीनी सशक्तिकरण को बल मिल रहा है।
वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी, ज्ञान-साझाकरण का मंच
इस वेबिनार में देश भर से आए 400 से अधिक वरिष्ठ अधिकारी, जिला कलेक्टर, और प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
डीएआरपीजी के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इन नवाचारी पहलों की सराहना की और कहा कि “ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में ऐसी पहलें सेवा वितरण में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही को नया आयाम देती हैं।”
निष्कर्ष:
यह वेबिनार न केवल तकनीकी नवाचारों की प्रस्तुति का मंच बना, बल्कि देश भर के राज्यों को इन उत्कृष्ट पहलों से प्रेरणा लेने और उन्हें अपने यहां लागू करने का भी अवसर प्रदान करता है।
डिजिटल इंडिया की संकल्पना को साकार करने की दिशा में यह श्रृंखला एक मजबूत कड़ी के रूप में उभर रही है।