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Tuesday, April 8, 2025

Charu Aghi / Dehradun /April 2, 2025

फर्जी ऐप्स से सावधान: ऐसे करें इनकी पहचान और बचें साइबर ठगी से
नई दिल्ली, आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन और उसमें मौजूद ऐप्स हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं। ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर बैंकिंग तक, हर काम चंद सेकंड में हो जाता है। लेकिन इस सुविधा के साथ-साथ साइबर अपराध का खतरा भी बढ़ गया है। कई फर्जी एंड्रॉइड ऐप्स यूजर्स को लुभावने ऑफर देकर ठग रहे हैं और पलक झपकते ही उनके बैंक अकाउंट खाली कर रहे हैं। ये ऐप्स मैलवेयर से लैस होते हैं, जो आपकी निजी और वित्तीय जानकारी चुराने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण यूनिट (NCTAU) की हालिया रिपोर्ट ने इन खतरों को उजागर किया है। आइए जानते हैं कि इन फर्जी ऐप्स को कैसे पहचानें और खुद को सुरक्षित रखें।

तकनीक / पलक झपकते ही बैंक अकाउंट हो जाएगा खाली, आज ही इन एप्स को करें डिलीट, जानिए कैसे चलेगा पता

फर्जी ऐप्स कैसे करते हैं काम?
फर्जी ऐप्स यूजर्स को धोखा देने के लिए कई चालाक तरीके अपनाते हैं। इनके काम करने का तरीका समझना जरूरी है ताकि आप इनकी चाल में न फंसें:
लुभावने ऑफर: ये ऐप्स रिवार्ड पॉइंट्स, तुरंत क्रेडिट कार्ड या मुफ्त इनाम जैसे आकर्षक ऑफर देते हैं। डाउनलोड करने के बाद ये यूजर्स से क्रेडिट कार्ड डिटेल्स या अन्य संवेदनशील जानकारी मांगते हैं।
असली की नकल: ये ऐप्स बैंकों, ई-कॉमर्स साइट्स या लोकप्रिय सेवाओं के लोगो, डिज़ाइन और इंटरफेस की हूबहू नकल करते हैं, जिससे यूजर्स को लगता है कि वे भरोसेमंद हैं।
पहचान की चोरी: ये ऐप्स आधार कार्ड, पैन कार्ड या बैंक खाता डिटेल्स अपलोड करने के लिए कहते हैं, जिससे आपकी पहचान और पैसे चोरी होने का खतरा बढ़ जाता है।
अनावश्यक परमिशन: इंस्टॉलेशन के दौरान ये ऐप्स एसएमएस, कॉल लॉग, कॉन्टैक्ट्स, लोकेशन, कैमरा और माइक्रोफोन जैसी अनुमतियां मांगते हैं, जो उनके काम से जुड़ी नहीं होतीं।
डिवाइस पर कब्जा: इंस्टॉल होने के बाद ये ऐप्स आपके फोन को हाईजैक कर सकते हैं। ये डिफॉल्ट एसएमएस ऐप बदलकर ओटीपी चुरा सकते हैं या कॉल फॉरवर्डिंग सेटिंग्स बदलकर कॉल को किसी अन्य नंबर पर भेज सकते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये ऐप्स कॉल इंटरसेप्ट कर सकते हैं, एसएमएस डेटा एक्सेस कर सकते हैं और बैंकिंग क्रेडेंशियल्स चुराकर यूजर्स को लाखों का नुकसान पहुंचा सकते हैं।

फर्जी ऐप्स की पहचान कैसे करें?
इन खतरनाक ऐप्स से बचने के लिए आपको इन्हें पहचानने की कला सीखनी होगी। निम्नलिखित संकेतों पर ध्यान दें:
अनावश्यक परमिशन: अगर कोई ऐप बिना वजह एसएमएस, कॉल लॉग या बैंकिंग डेटा की अनुमति मांगता है, तो यह संदिग्ध हो सकता है।
अज्ञात स्रोत: थर्ड-पार्टी स्टोर या अज्ञात लिंक से आने वाले ऐप्स से सावधान रहें।
असामान्य ऑफर: बहुत आकर्षक या अविश्वसनीय ऑफर (जैसे मुफ्त में बड़ा इनाम) अक्सर धोखा होते हैं।
सेटिंग्स में बदलाव: अगर कोई ऐप आपके डिफॉल्ट एसएमएस या कॉल सेटिंग्स को बदलता है, तो उसे तुरंत डिलीट करें।
रिव्यू और रेटिंग: ऐप डाउनलोड करने से पहले Google Play Store पर उसके रिव्यू और रेटिंग चेक करें। कम रेटिंग या संदिग्ध कमेंट्स वाले ऐप्स से बचें।
NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार, साइबर अपराधी अब ओटीपी के बिना भी बैंक खातों से पैसे चुराने के तरीकेadopt कर रहे हैं। ऐसे में सतर्कता ही बचाव है।

इन ऐप्स को तुरंत डिलीट करें:
अगर आपके फोन में कोई ऐसा ऐप है जो ऊपर बताए गए संकेतों से मेल खाता है, तो उसे तुरंत हटाएं। कुछ उदाहरण जो हालिया रिपोर्ट्स में सामने आए हैं:
फर्जी लोन ऐप्स: ये तुरंत लोन का वादा करते हैं, लेकिन आपकी जानकारी चुराते हैं।
रिवार्ड ऐप्स: मुफ्त पॉइंट्स या कैशबैक के नाम पर डेटा चोरी करते हैं।
अज्ञात सोर्स से डाउनलोडेड ऐप्स: मैसेज या व्हाट्सएप लिंक से आए ऐप्स खतरनाक हो सकते हैं।
RBI ने भी लोगों को अनजान स्रोतों से ऐप्स डाउनलोड न करने की चेतावनी दी है।

खुद को सुरक्षित कैसे रखें?
अपने बैंक अकाउंट और निजी डेटा को सुरक्षित रखने के लिए इन उपायों को अपनाएं:
आधिकारिक स्रोत: हमेशा Google Play Store या ऐप्पल ऐप स्टोर जैसे भरोसेमंद प्लेटफॉर्म से ऐप्स डाउनलोड करें।
सीमित परमिशन: केवल जरूरी अनुमतियों को ही मंजूरी दें। अगर कोई ऐप बिना कारण कैमरा या कॉन्टैक्ट्स एक्सेस मांगता है, तो उसे इंस्टॉल न करें।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA): अपने बैंक खातों और महत्वपूर्ण ऐप्स में 2FA ऑन करें। यह एक अतिरिक्त सुरक्षा परत जोड़ता है।
रेगुलर अपडेट: फोन का ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें। इससे साइबर खतरों का जोखिम कम होता है।
ट्रांजैक्शन की निगरानी: अपने बैंक खाते की गतिविधियों पर नजर रखें। कोई भी संदिग्ध लेनदेन दिखे तो तुरंत बैंक को सूचित करें।
फोन में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी फर्जी ऐप्स से बचाव में मदद कर सकता है।

साइबर ठगी का बढ़ता खतरा:
राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में भारत में साइबर ठगी के मामले 30% बढ़े हैं। इनमें से ज्यादातर मामले फर्जी ऐप्स और फिशिंग लिंक्स से जुड़े हैं। हाल ही में एक मामला सामने आया, जहां एक शख्स ने फर्जी बैंकिंग ऐप डाउनलोड किया और ₹15.98 लाख गंवा दिए। ऐसे में जागरूकता और सावधानी ही आपका सबसे बड़ा हथियार है।
अगर आप इन फर्जी ऐप्स की चपेट में आ गए हैं, तो तुरंत अपने बैंक और स्थानीय पुलिस को सूचित करें। साथ ही, साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।

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