इस MoU के तहत मिशन कर्मयोगी को जम्मू-कश्मीर में संस्थागत रूप देने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म के माध्यम से सरकारी अधिकारियों के लिए भूमिका-आधारित, संरचित और सतत डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा दिया जा सकेगा। यह पहल प्रदेश में भविष्य के अनुरूप, दक्ष और नागरिक-केंद्रित प्रशासनिक ढांचे के निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
मुख्य सचिव श्री अटल डुल्लू ने इस अवसर पर कहा कि सरकार शासन प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने GAD और IMPARD की अहम भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि ये संस्थान इस पहल के त्वरित क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
MoU पर हस्ताक्षर के दौरान उपस्थित रहे प्रमुख अधिकारी:
1. डॉ. अलका मित्तल, सदस्य (प्रशासन), CBC
2. श्री एम. राजू, सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग
3. श्रीमती रेहाना बतूल, महानिदेशक, IMPARD
4. श्रीमती वी. ललिता लक्ष्मी, CEO, कर्मयोगी भारत
5. श्री एस. पी. रॉय, संयुक्त सचिव, CBC
6. श्री राकेश वर्मा, CEO, कर्मयोगी भारत
इस आयोजन के अंतर्गत IMPARD में एक ओरिएंटेशन सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों के अतिरिक्त सचिवों और उप सचिवों ने भाग लिया। यह सत्र CBC की निदेशक श्रीमती नवनीत कौर और कर्मयोगी भारत के COO श्री राकेश वर्मा द्वारा संचालित किया गया।
श्री वर्मा ने iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म का लाइव डेमो प्रस्तुत करते हुए बताया कि देशभर में अब तक 1.26 करोड़ से अधिक अधिकारी और कर्मचारी इस प्लेटफॉर्म के जरिए लाभान्वित हो चुके हैं। उन्होंने मॉड्यूलर और स्व-गतिशील लर्निंग की विशेषताओं को रेखांकित किया।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह जल्द ही अपने अधिकारियों को इस प्लेटफॉर्म पर जोड़ेगी और राज्य की जरूरतों के अनुसार कस्टमाइज्ड ब्लेंडेड लर्निंग प्रोग्राम भी शुरू करेगी।
यह त्रिपक्षीय समझौता मिशन कर्मयोगी के विज़न के अनुरूप एक डिजिटल रूप से सशक्त, सीखने के लिए तत्पर और प्रगतिशील प्रशासनिक तंत्र के निर्माण की दिशा में एक संस्थानात्मक साझेदारी की शुरुआत है।