विभागाध्यक्ष एवं कोर्स डायरेक्टर प्रो. शूरवीर सिंह भाणावत ने बताया कि ये दोनों कोर्स ऐसे विषयों का समावेश करते हैं जो छात्रों को बैंकिंग, बीमा, मर्चेंट बैंकिंग, स्टॉक एक्सचेंज, म्यूचुअल फंड्स, फाइनेंशियल कंसल्टेंसी, एनबीएफसी, कॉर्पोरेट सेक्टर, फिनटेक कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों जैसे क्षेत्रों में करियर के अवसर प्रदान करते हैं।
पाठ्यक्रम कन्वीनर एवं सहायक अधिष्ठाता डॉ. शिल्पा वर्डिया ने बताया कि एम.एफ.सी. प्रोग्राम में लेखांकन, कॉर्पोरेट वित्त, निवेश प्रबंधन, वित्तीय सेवाएं एवं अंतर्राष्ट्रीय वित्त जैसे प्रायोगिक विषय शामिल हैं, जो छात्रों को विषय की गहराई से समझ देने के साथ-साथ उन्हें पढ़ाई के साथ काम करने की जरूरी व्यावसायिक दक्षता भी प्रदान करते हैं।।
पी.जी.डी.आई.टी. कार्यक्रम में विद्यार्थियों को आयकर एवं वस्तु एवं सेवा कर (GST) से संबंधित योजना, अनुपालन और प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस कोर्स की विशेष बात यह है कि कोई भी स्नातक विद्यार्थी इसे किसी अन्य पाठ्यक्रम के साथ समानांतर रूप से कर सकता है, जिससे कर क्षेत्र में उसका ज्ञान और करियर की दिशा दोनों सशक्त बनती है। यह डिप्लोमा छात्रों को टैक्स कंसल्टेंसी, कॉर्पोरेट टैक्स एडवाइजरी, अकाउंटिंग फर्म्स, सीए फर्म्स, टैक्स डिपार्टमेंट, कॉर्पोरेट हाउसिंग और स्टार्टअप्स जैसे क्षेत्रों में अवसर प्रदान करता है।