इस गौरवशाली समारोह की अध्यक्षता पूर्वी नौसेना कमान के कमांडर-इन-चीफ, वाइस एडमिरल सूरज बेरी ने की, जबकि नौसेना की परंपरा का पालन करते हुए श्रीमती कंगना बेरी ने औपचारिक रूप से जहाज को जल में उतारा।
मेक इन इंडिया का दमदार उदाहरण
गौरतलब है कि
12 फरवरी, 2021 को रक्षा मंत्रालय और टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड के बीच 5 डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट के निर्माण का अनुबंध किया गया था। 'DSC A22' इस श्रृंखला का तीसरा पोत है, जिसे पूरी तरह
स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है — यह
मेक इन इंडिया अभियान की एक मजबूत मिसाल है।
तकनीकी विशेषताएं
_यह पोत
कटमरैन पतवार डिज़ाइन पर आधारित है, जो इसे बेहतर स्थिरता और कार्यक्षमता प्रदान करता है।
_इसका
कुल विस्थापन लगभग 380 टन है।
_पोत को तटीय क्षेत्रों में
गोताखोरी अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसमें अत्याधुनिक डाइविंग उपकरण लगाए गए हैं।
इस परियोजना के अंतर्गत बनने वाले सभी जहाजों का निर्माण भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के मानकों तथा
नौसेना नियमों और विनियमों के तहत किया जा रहा है। इनका
हाइड्रोडायनामिक परीक्षण विशाखापत्तनम स्थित
नौसेना विज्ञान एवं तकनीकी प्रयोगशाला (NSTL) में सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।
भविष्य की दिशा
'DSC A22' के जलावतरण के साथ ही यह परियोजना एक महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर चुकी है। आने वाले महीनों में शेष दो जहाजों का भी निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जाएगा।
भारतीय नौसेना की क्षमता को मजबूत करने और स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है।