प्रधानमंत्री ने कहा, “चार दशकों बाद यह सम्मेलन भारत में हो रहा है। इस दौरान भारत ने असाधारण प्रगति की है। अब हम न केवल स्पेस-एविएशन के संगम के नेतृत्वकर्ता बन रहे हैं, बल्कि टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के दम पर नए आयाम भी तय कर रहे हैं।”
तीन स्तंभों पर टिकेगा भारत का एविएशन भविष्य
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के एविएशन सेक्टर की अपार संभावनाओं को रेखांकित करते हुए तीन प्रमुख स्तंभों का उल्लेख किया—
विस्तृत और आकांक्षी बाजार,
नवाचार और युवा प्रतिभा,
नीतिगत समर्थन और पारदर्शिता
उन्होंने कहा कि भारत के पास केवल उपभोक्ताओं का बाजार नहीं है, बल्कि यह एक आकांक्षी समाज का प्रतिनिधित्व करता है। युवाओं के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में तेजी से नवाचार हो रहे हैं। साथ ही, केंद्र सरकार की नीतियों ने एविएशन उद्योग के लिए एक अनुकूल और सहयोगी माहौल बनाया है।
'उड़ान योजना' बना आम आदमी का आसमान से रिश्ता
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज विश्व का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू एविएशन बाजार बन चुका है। ‘उड़ान योजना’ के तहत अब तक 1.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को सस्ती हवाई यात्रा की सुविधा मिली है और कई नागरिकों ने पहली बार हवाई यात्रा की है। उन्होंने बताया कि इस समय भारत और विदेशी एयरलाइंस मिलकर हर वर्ष लगभग 24 करोड़ यात्रियों को सेवा दे रही हैं, और यह आंकड़ा 2030 तक 50 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
एयरपोर्ट और एयरक्राफ्ट में बड़े निवेश
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 में जहां देश में 74 कार्यरत एयरपोर्ट थे, वहीं अब इनकी संख्या 162 हो गई है। भारतीय एयरलाइंस ने 2,000 से ज्यादा नए विमानों के ऑर्डर दिए हैं। साथ ही, भारत की हैंडलिंग कैपेसिटी 500 मिलियन पैसेंजर्स प्रतिवर्ष तक पहुंच गई है।
ग्रीन एविएशन की ओर कदम
उन्होंने कहा कि भारत एविएशन को ग्रीन और सस्टेनेबल बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। इसमें सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल्स और ग्रीन टेक्नोलॉजी पर निवेश के साथ-साथ डिजी यात्रा ऐप जैसी डिजिटल पहलें शामिल हैं, जिससे यात्रियों को पेपरलेस, तेज और सुरक्षित अनुभव मिल रहा है।
MRO को बनाया जा रहा है नया हब
रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (MRO) सेक्टर की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 में जहां 96 एमआरओ सुविधाएं थीं, वहीं अब इनकी संख्या 154 तक पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत 2030 तक इस सेक्टर को 4 बिलियन डॉलर के हब के रूप में विकसित करना चाहता है।
महिलाओं की भागीदारी पर विशेष ज़ोर
प्रधानमंत्री ने इस बात पर गर्व जताया कि भारत में पायलटों में महिलाओं की भागीदारी 15% से अधिक है, जो वैश्विक औसत का तीन गुना है। केबिन क्रू और MRO इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में भी महिलाओं की भागीदारी सराहनीय है।
ड्रोन तकनीक से समावेशी विकास
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग न केवल तकनीकी विकास के लिए बल्कि सामाजिक और आर्थिक समावेशन के लिए भी किया जा रहा है। इसके जरिए महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त किया जा रहा है, जिससे कृषि, सेवा और डिलीवरी क्षेत्रों में उनकी भागीदारी बढ़ी है।
वैश्विक सहयोग और निवेश के लिए भारत तैयार
प्रधानमंत्री ने एविएशन कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए बताया कि Cape Town Convention के अनुरूप भारत में कानूनों में बदलाव किया गया है। Aircraft Leasing में ग्लोबल कंपनियों को आकर्षित करने के लिए GIFT City में कई तरह की रियायतें दी गई हैं।
सुरक्षा सर्वोपरि, नियम वैश्विक मानकों के अनुरूप
उन्होंने कहा कि भारत ने ICAO के मानकों के अनुरूप अपने सुरक्षा नियमों को समायोजित किया है और हालिया सुरक्षा ऑडिट में देश के प्रयासों को वैश्विक मान्यता मिली है।
अंत में प्रधानमंत्री ने कहा, “हमें मिलकर एक ऐसा भविष्य गढ़ना है जहां हवाई यात्रा सभी के लिए सुलभ, सस्ती और सुरक्षित हो। भारत वैश्विक नागरिक उड्डयन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है।”