डिज़ीज़ रिवर्सल क्या है?
दिल्ली, छतरपुर,अध्यात्म साधना केंद्र के डायरेक्टर के.सी. जैन के अनुसार
डिज़ीज़ रिवर्सल का अर्थ है बीमारी के मूल कारण को खत्म करके, शरीर को उसकी प्राकृतिक और स्वस्थ अवस्था में लौटाना। यह पद्धति केवल लक्षणों को दबाने की जगह लंबे समय तक अच्छे स्वास्थ्य पर ध्यान देती है। इसमें शरीर की
खुद को संतुलित रखने, साफ़ करने (डिटॉक्स), मरम्मत करने और नये सिरे से बनाने की क्षमता को बढ़ाया जाता है।
सामान्य चिकित्सा पद्धतियाँ जैसे एलोपैथी, अक्सर दर्द, सूजन या ब्लड शुगर जैसे लक्षणों को नियंत्रित करती हैं, लेकिन जीवनशैली, मेटाबॉलिज़्म और तनाव जैसे असली कारण बने रहते हैं। वहीं, डिज़ीज़ रिवर्सल में पोषण की कमी दूर करने, शरीर से ज़हरीले तत्व निकालने, तनाव व सूजन घटाने, हार्मोन और मेटाबॉलिक संतुलन बहाल करने और अंगों की कार्यक्षमता सुधारने पर ज़ोर दिया जाता है।
किन बीमारियों में असरदार :
अध्यात्म साधना केंद्र के अनुसार यह प्रक्रिया विशेष रूप से निम्न बीमारियों में लाभकारी है:
* दिल की बीमारियाँ
* किडनी और लीवर की गड़बड़ियाँ
* आर्थराइटिस (गठिया), ऑस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटाइड आर्थराइटिस
* सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस और रीढ़ की तकलीफ़
* थायरॉइड (हाइपोथायरॉइडिज़्म, हाशिमोटो)
* डायबिटीज़ (टाइप 2 और इंसुलिन रेजिस्टेंस)
* हाई ब्लड प्रेशर
* मोटापा
* लगातार थकान
* अनिद्रा
* अवसाद और तनाव संबंधी रोग
* ऑटोइम्यून कंडीशन्स
इसके अलावा गैस, कब्ज़, मौसमी एलर्जी, त्वचा संबंधी रोग, सर्दी-जुकाम और हल्की थकान जैसी सामान्य समस्याओं में भी यह तरीका प्रभावी बताया गया है।
कैसे काम करता है डिज़ीज़ रिवर्सल?
1. योग :
योग केवल लचीलापन बढ़ाने का साधन नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित थेरेपी है, जो हृदय और श्वसन स्वास्थ्य (respiratory health) सुधारती है, ब्लड शुगर नियंत्रित करती है, तनाव घटाती है और सूजन कम करती है। कुछ विशेष आसन और प्राणायाम आंतरिक अंगों को सक्रिय कर रक्त संचार और रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाते हैं।
2. ध्यान (मेडिटेशन) :
ध्यान नर्वस सिस्टम और हार्मोन संतुलन को सुधारता है। रिसर्च के मुताबिक ध्यान करने से तनाव हार्मोन (कॉर्टिसोल) घटता है, ब्लड प्रेशर कम होता है और इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है। यह डायबिटीज़, हाई BP, अनिद्रा, तनाव, चिंता और डिप्रेशन में लाभकारी है।
3. नेचुरोपैथी :
प्राकृतिक चिकित्सा में हर्बल मेडिसिन, हाइड्रोथेरेपी, पोषण थेरेपी, उपवास और डिटॉक्स शामिल हैं। इससे लीवर और किडनी की सफाई होती है, पाचन सुधारता है और सूजन कम होती है। यह मोटापा, थकान, पाचन रोग, त्वचा रोग और ऑटोइम्यून रोगों में भी सहायक है।
4. षटकर्म (योगिक शुद्धिकरण)
यह प्राचीन योगिक तकनीक शरीर की आंतरिक सफाई करती है। इसमें नेति (नाक की सफाई), वस्ति (आंत की सफाई), कपालभाति (मस्तिष्क की सफाई) और त्राटक (आंख की सफाई) जैसे अभ्यास शामिल हैं। ये पाचन तंत्र (Digestive system) और श्वसन तंत्र (Respiratory System) को दुरुस्त करते हैं तथा मानसिक स्पष्टता बढ़ाते हैं।
5. सात्विक आहार :
फल, सब्ज़ी, साबुत अनाज, दालें, मेवे, बीज और हर्बल चाय जैसे शुद्ध, हल्के और पौष्टिक आहार पर आधारित यह पद्धति सूजन कम करती है, शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालती है और मानसिक शांति देती है। रिसर्च के मुताबिक सात्विक आहार हृदय रोग, डायबिटीज़, मोटापा, हाई BP और थायरॉइड जैसी बीमारियों में लाभकारी है।
क्यों चुनें डिज़ीज़ रिवर्सल?
डिज़ीज़ रिवर्सल का दृष्टिकोण केवल लक्षणों के उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बीमारी के असली कारणों पर काम करता है, जिससे रोगों को जड़ से उलटने में मदद मिलती है। यह लंबे समय तक टिकाऊ स्वास्थ्य प्रदान करता है, ताकि आप स्वस्थ और ऊर्जावान जीवन जी सकें। इस पद्धति से आप दवाइयों पर निर्भरता कम कर सकते हैं, जिससे शरीर को प्राकृतिक रूप से ठीक होने का अवसर मिलता है। डिज़ीज़ रिवर्सल शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित कर एक समग्र उपचार प्रदान करता है। सबसे खास बात, यह आपको अपनी सेहत पर खुद नियंत्रण देता है, ताकि आप अपने स्वास्थ्य के मालिक बन सकें। - के.सी. जैन
के.सी. जैन के अनुसार डिज़ीज़ रिवर्सल (Disease Reversal) के इस नए दृष्टिकोण को अपनाकर , लोग अपने स्वास्थ्य पर अधिक नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।