राजधानी स्थित वाणिज्य भवन में विभागीय कर्मचारियों ने परिसर के बाहर की सड़कों और रास्तों की सफाई कर अभियान की शुरुआत की। इसी क्रम में विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने भी उद्योग भवन, नई दिल्ली में सफाई अभियान आयोजित किया।
पूर्वी भारत की ओर नजर डालें तो, वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCIS) ने कोलकाता के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर सफाई अभियान चलाया।
दक्षिण भारत में, समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (MPEDA) ने एर्नाकुलम के थेवारा में स्थित सरकारी मत्स्य पालन विद्यालय में अधिकारियों, शिक्षकों और छात्रों के सहयोग से सफाई अभियान चलाया। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने भी अपने कार्यालय परिसर में साफ-सफाई कर अभियान में योगदान दिया।
विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) की भागीदारी भी इस मुहिम में उल्लेखनीय रही।
_कोचीन SEZ ने कक्कनाड स्थित एमएएएम सरकारी एलपी स्कूल में
_कांडला SEZ ने अपने आस-पास के क्षेत्रों में
_और इंदौर SEZ की कंपनियों ने सार्वजनिक स्थलों पर सफाई कर जागरूकता फैलाई।
निर्यात निरीक्षण एजेंसियां (EIA) भी पीछे नहीं रहीं —
_कोच्चि में पनमपिल्ली वॉकवे और
_मुंबई में आस-पास के बाग-बगीचों में सफाई अभियान चलाया गया।
अन्य संगठनों की भागीदारी भी सराहनीय रही:
_मसाला बोर्ड, गुंटूर ने परिसर में सफाई कर बाढ़ से जमा कचरा हटाया।
_तंबाकू बोर्ड, गुंटूर ने अपने मुख्यालय में अभियान चलाया।
_MMTC लिमिटेड ने दिल्ली कार्यालय परिसर में सफाई की।
अभियान में व्यापार उपचार महानिदेशालय, रबर बोर्ड, कॉफी बोर्ड, चाय बोर्ड, भारतीय पैकेजिंग संस्थान, विशाखापत्तनम SEZ, फाल्टा SEZ, सीप्ज़ मुंबई, MEPZ मद्रास, और भारतीय विदेश व्यापार संस्थान जैसे कई संगठनों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
स्वच्छता ही सेवा 2025 अभियान के तहत वाणिज्य विभाग का यह समर्पण न केवल एक उदाहरण प्रस्तुत करता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि स्वच्छ भारत के संकल्प में प्रत्येक विभाग और नागरिक की भागीदारी अनिवार्य है।