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Tuesday, October 14, 2025

24JT NEWSDESK / Udaipur /September 19, 2025

भारत-इज़राइल औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास तथा तकनीकी नवाचार निधि (I4F) के अंतर्गत भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के अंतर्गत प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (TDB) ने पुणे की स्टार्टअप मेसर्स कपिह डीप टेक प्राइवेट लिमिटेड को बड़ी आर्थिक मदद दी है। कंपनी को “शहरी जल वितरण प्रणालियों के लिए अनुकूली डिजिटल ट्विन फ्रेमवर्क” परियोजना हेतु 4.07 करोड़ रुपये की सशर्त अनुदान सहायता प्रदान की गई है। यह अनुदान कुल 5.82 करोड़ रुपये की परियोजना लागत का हिस्सा है।

"शहरी जल वितरण को मिलेगी नई दिशा, टीडीबी-डीएसटी ने पुणे की स्टार्टअप को 4.07 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता दी" | Photo Source : PIB
देश / शहरी जल वितरण को मिलेगी नई दिशा, टीडीबी-डीएसटी ने पुणे की स्टार्टअप को 4.07 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता दी

इस परियोजना को इज़राइली साझेदार कंपनी मेसर्स रियली टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के सहयोग से विकसित किया जा रहा है और यह I4F के तहत सह-समर्थित है।

क्या है यह परियोजना?


इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत एक एआई-संचालित डिजिटल ट्विन फ्रेमवर्क विकसित किया जाएगा, जो शहरी जल आपूर्ति प्रणालियों के प्रदर्शन की निगरानी, अनुकरण और पूर्वानुमान करने में सक्षम होगा। यह प्रणाली इज़राइल की RealiteQ क्लाउड-आधारित SCADA प्लेटफॉर्म पर आधारित होगी, जो उन्नत विश्लेषणों के साथ भारतीय परिस्थितियों के लिए एक किफायती और व्यवहारिक समाधान प्रदान करेगा।

भारत की जल चुनौतियों के लिए समाधान


यह परियोजना भारत की शहरी जल आपूर्ति प्रणालियों में मौजूद कई प्रमुख समस्याओं से निपटने के उद्देश्य से लाई गई है, जिनमें शामिल हैं:

_जर्जर और संकटग्रस्त बुनियादी ढांचा

_गैर-राजस्व जल (NRW) की उच्च मात्रा

_निगरानी प्रणालियों का अभाव

_संसाधनों की अक्षमता और असमान वितरण

डिजिटल ट्विन समाधान इन चुनौतियों से निपटने के लिए जोखिम न्यूनीकरण रणनीतियों के साथ तैयार किया जा रहा है। इसके माध्यम से भारत के विभिन्न शहरों में पायलट प्रोजेक्ट्स लागू किए जाएंगे, ताकि देखा जा सके कि कैसे मौजूदा प्रणालियों में नई तकनीक को सहजता से जोड़ा जा सकता है।

चरणबद्ध क्रियान्वयन रणनीति


परियोजना के तहत फेज़्ड इम्प्लीमेंटेशन (चरणबद्ध कार्यान्वयन) की रणनीति अपनाई गई है, जिससे शुरुआती लागत कम होगी और पुरानी प्रणालियों में तकनीक के समावेश को आसान बनाया जा सकेगा।

टीडीबी सचिव का वक्तव्य


इस समझौते पर प्रतिक्रिया देते हुए टीडीबी के सचिव श्री राजेश कुमार पाठक ने कहा:

“भारत की शहरी जल प्रणालियां गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही हैं। हमें ऐसे नवाचारों की आवश्यकता है जो तकनीक आधारित और व्यावहारिक दोनों हों। डिजिटल ट्विन जैसे अनुकूली ढांचे भारत के जल क्षेत्र में दक्षता बढ़ाने, जल बर्बादी कम करने और बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।”

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