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Saturday, May 10, 2025

24JT News Desk / New Delhi /May 5, 2025

एम्स दिल्ली के एक वरिष्ठ डॉक्टर का शव चंडीगढ़ के एक होटल के कमरे में फंदे से लटका हुआ पाया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मृतक डॉक्टर के खिलाफ फरीदाबाद में दुष्कर्म का मामला दर्ज था, जिसकी जांच चल रही थी। इस घटना ने चिकित्सा समुदाय और समाज में गहरी चिंता और शोक की लहर दौड़ा दी है।

पुलिस ने बताया कि डॉ. घोनिया के निवास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने अपनी मृत्यु के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया है। (Representative Image)
राज्य / चंडीगढ़ में एम्स दिल्ली के डॉक्टर की आत्महत्या: होटल के कमरे में मिला शव; फरीदाबाद में दर्ज था दुष्कर्म का मामला

पुलिस के अनुसार, होटल के कर्मचारियों ने कमरे से कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर दरवाजा खोला, जहां डॉक्टर का शव फंदे से लटका हुआ मिला। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। फिलहाल पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है, जिसमें फरीदाबाद में दर्ज दुष्कर्म के मामले की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

फरीदाबाद पुलिस के अनुसार, मृतक डॉक्टर के खिलाफ एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था, जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया था। मामले की जांच जारी थी, और डॉक्टर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। हालांकि, इस बीच डॉक्टर ने चंडीगढ़ में आत्महत्या कर ली।

एम्स दिल्ली और अन्य चिकित्सा संस्थानों के डॉक्टरों ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने एक बयान जारी कर कहा, "हमारे सहकर्मी की असमय मृत्यु से हम सभी स्तब्ध हैं। यह घटना चिकित्सा पेशेवरों के मानसिक स्वास्थ्य और समर्थन प्रणाली की आवश्यकता को रेखांकित करती है।"

चंडीगढ़ पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आत्महत्या के पीछे के कारणों की गहराई से जांच की जाएगी, जिसमें फरीदाबाद में दर्ज दुष्कर्म के मामले की भूमिका की भी जांच की जाएगी।

यह घटना चिकित्सा पेशेवरों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च दबाव वाले कार्य वातावरण और सामाजिक दबाव के कारण डॉक्टरों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। इसलिए, चिकित्सा संस्थानों को अपने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए समर्थन प्रणाली विकसित करनी चाहिए।

एम्स दिल्ली के डॉक्टर की आत्महत्या ने चिकित्सा समुदाय और समाज में गहरी चिंता पैदा कर दी है। यह घटना न केवल व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह चिकित्सा पेशेवरों के मानसिक स्वास्थ्य और समर्थन प्रणाली की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। समाज और चिकित्सा संस्थानों को मिलकर ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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