अपने उद्घाटन भाषण में श्री प्रधान ने विज्ञान के क्षेत्र में भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा, "भारत वसुधैव कुटुंबकम — एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य — के आदर्श को केवल नारा नहीं, बल्कि जीवनशैली मानता है। हम ऐसे विज्ञान में विश्वास करते हैं जो करुणामय, नैतिक और समतामूलक हो।"
वैज्ञानिकों को दी सह-निर्माण की प्रेरणा
श्री प्रधान ने सम्मेलन में भाग ले रहे दुनियाभर के युवा वैज्ञानिकों का स्वागत करते हुए जीवाईए के 30 नए सदस्यों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन केवल वैज्ञानिकों का जमावड़ा नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच है जो उम्मीद, उद्देश्य और साझा भविष्य का प्रतिनिधित्व करता है।
उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे "विकसित भारत के विजन को साकार करने के लिए सहानुभूति और उद्देश्य की भावना के साथ सहयोग और सह-निर्माण करें।"
साझेदारी, नहीं पेटेंट की ओर बढ़ें
श्री प्रधान ने कहा कि "आज विज्ञान को साझा किए जाने की ज़रूरत है, न कि केवल पेटेंट में कैद करने की। भविष्य साझेदारी से आकार लेगा, न कि स्वार्थ से।" उन्होंने भारत की विज्ञान-संबंधी वैश्विक पहलों जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना गठबंधन, मिशन लाइफ और भारत-विज्ञान अनुसंधान फेलोशिप का उल्लेख करते हुए इन्हें वैश्विक मित्रता के माध्यम से विज्ञान के उपयोग का उदाहरण बताया।
'एक पेड़ मां के नाम' अभियान में लिया हिस्सा
सम्मेलन के दौरान श्री प्रधान ने अन्य अतिथियों के साथ मिलकर 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत आईआईटी हैदराबाद परिसर में पौधारोपण भी किया। उन्होंने कहा कि "यह छोटा सा कार्य, अपनी मां के प्रति सम्मान और धरती के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक है।" उन्होंने छात्रों और युवाओं से हरित आंदोलन का नेतृत्व करने का आग्रह किया।
विज्ञान के माध्यम से वैश्विक परिवर्तन की ओर
यह सप्ताह भर चलने वाला सम्मेलन — जिसका आयोजन आईआईटी हैदराबाद, जीवाईए, आईएनवाईएएस और आईएनएसए के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है — 8 से 14 जून 2025 तक चलेगा। सम्मेलन का विषय है:
“दूरदर्शी लोगों का संगम: वैश्विक परिवर्तन के लिए विज्ञान का सशक्तिकरण”।
इस आयोजन में 60 देशों के 135 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि और भारत के 65 राष्ट्रीय प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जो इसे विज्ञान की दुनिया में एक वास्तव में विविध और समावेशी मंच बनाते हैं।
चर्चा के प्रमुख विषय:
पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) से जुड़ी रणनीतियाँ
स्वास्थ्य एवं पोषण के जरिए वैश्विक कल्याण
इंडस्ट्री 5.0 और मानव-मशीन सहयोग
नवाचार और वैश्विक उद्यमिता की दिशा में पहल
श्री प्रधान ने विश्वास जताया कि यह सम्मेलन ज्ञान, नवाचार और सहयोग के जरिए मानवता की सेवा के लिए एक मजबूत मंच के रूप में काम करेगा।