मंत्री रेड्डी ने इन छात्रों की सफलता की सराहना करते हुए उन्हें "पर्यावरण के नवयोद्धा" की संज्ञा दी और कहा कि युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अग्रणी भूमिका निभानी होगी।
मंत्री ने जमीनी कार्यकर्ताओं की सराहना की
श्री रेड्डी ने पर्यावरण को स्वच्छ और हरित बनाए रखने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे लोगों के प्रयासों को भी सराहा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस का थीम प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ वैश्विक चेतना को जगाने और उसके वैकल्पिक समाधानों को प्रोत्साहन देने पर केंद्रित है।
उन्होंने कोयला एवं खान मंत्रालय से प्लास्टिक उपयोग को न्यूनतम करने और पुनर्चक्रण जैसे उपायों को प्राथमिकता देने हेतु समन्वित कार्य योजना तैयार करने का आह्वान किया।
सरकार की पहलों पर डाला प्रकाश
मंत्री रेड्डी ने अपने लिंक्डइन पोस्ट के माध्यम से कोयला एवं खान मंत्रालय द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रमुख प्रयासों की जानकारी साझा की।
प्रमुख पहलें इस प्रकार हैं:
भूमि पुनरुद्धार: वित्त वर्ष 2024-25 में कोयला मंत्रालय द्वारा 2,459 हेक्टेयर खनन क्षेत्र को हरित क्षेत्र में बदला गया, जिसके अंतर्गत 54 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया गया।
सौर ऊर्जा विस्तार: मंत्रालय ने वर्ष 2025-26 तक 3 गीगावाट और 2030 तक 9 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा है, जिससे स्वदेशी ऊर्जा खपत को बढ़ावा मिलेगा।
ऊर्जा परिवर्तन: कोयला उत्पादन 1 बिलियन टन के पार पहुंचने के बावजूद भारत नवीकरणीय ऊर्जा को प्राथमिकता देना जारी रखे हुए है।
ऊर्जा सुरक्षा: 'राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन' के तहत भारत सरकार ने 16,300 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ हरित प्रौद्योगिकियों के लिए एक प्रतिस्पर्धी मूल्य श्रृंखला तैयार करने की योजना बनाई है।
श्री रेड्डी ने कहा कि भारत न केवल विकास की ओर अग्रसर है, बल्कि प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखते हुए वैश्विक पर्यावरण नेतृत्व का भी परिचय दे रहा है।