कपिल सिब्बल ने नई दिल्ली में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में धनखड़ की स्थिति को "लापता उपराष्ट्रपति" की संज्ञा दी, और लोकप्रिय फिल्म लापता लेडीज़ का जिक्र करते हुए व्यंग्यात्मक टिप्पणी की, "मैंने 'लापता लेडीज़' के बारे में सुना था, लेकिन 'लापता उपराष्ट्रपति' के बारे में कभी नहीं सुना।" उन्होंने कहा कि धनखड़ अपने आधिकारिक आवास पर नहीं हैं, और न ही उनकी कोई जानकारी उपलब्ध है। सिब्बल ने बताया कि उन्होंने स्वयं धनखड़ से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनके निजी सचिव ने केवल इतना कहा कि वह "आराम कर रहे हैं," और उसके बाद कोई जवाब नहीं मिला। अन्य विपक्षी नेताओं ने भी धनखड़ से संपर्क करने की असफल कोशिश की।
सिब्बल ने जोर देकर कहा कि धनखड़ देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति रह चुके हैं, और उनकी स्थिति को लेकर देश को चिंता होनी चाहिए। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में तत्काल बयान देने की मांग की, ताकि जनता को धनखड़ की स्थिति और स्वास्थ्य की सही जानकारी मिल सके। सिब्बल ने यह भी संकेत दिया कि यदि आवश्यक हुआ तो वह धनखड़ की स्थिति को लेकर हेबियस कॉर्पस याचिका दायर करने पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "मेरे और धनखड़ के बीच लंबे समय से व्यक्तिगत और पेशेवर रिश्ते रहे हैं। वह मेरे साथ एक वकील के रूप में कई मामलों में बहस कर चुके हैं। मैं उनकी स्थिति को लेकर चिंतित हूं।"
सिब्बल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद, विपक्षी नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने धनखड़ के इस्तीफे की परिस्थितियों पर सवाल उठाए, और संकेत दिया कि उनके इस्तीफे के पीछे दबाव या कोई अनुचित कारण हो सकता है। हालांकि, इस दावे का कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया।
इसी बीच, राजस्थान बीजेपी ने 9 अगस्त को अपने प्रवक्ता कृष्णा कुमार जानू को पार्टी से निष्कासित कर दिया। जानू ने धनखड़ और पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ बीजेपी के व्यवहार की आलोचना की थी, जिससे पार्टी के भीतर आंतरिक तनाव की स्थिति उजागर हुई। यह घटना धनखड़ के इस्तीफे और उनकी अनुपस्थिति को लेकर उठ रहे सवालों को और गहरा रही है।
जगदीप धनखड़ का उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति के रूप में कार्यकाल विवादों से भरा रहा। दिसंबर 2024 में, विपक्ष ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश की थी, जो असफल रहा। धनखड़ पर विपक्षी सांसदों के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार और संसद में उनके आचरण को लेकर सवाल उठाए गए थे। इसके बावजूद, उनके अचानक इस्तीफे और उसके बाद की चुप्पी ने कई सवाल खड़े किए हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ ही, सिब्बल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने लिखा, "उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़। क्या हमें बताया जा सकता है: वह कहां हैं? क्या वह सुरक्षित हैं? वह संवाद क्यों नहीं कर रहे? अमित शाह जी को पता होना चाहिए! वह हमारे उपराष्ट्रपति थे; देश को चिंतित होना चाहिए!" इस पोस्ट ने इस मुद्दे को और अधिक सुर्खियों में ला दिया।
कपिल सिब्बल की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की स्थिति को लेकर एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ दी है। यह मामला न केवल राजनीतिक बल्कि लोकतांत्रिक पारदर्शिता और जवाबदेही का भी सवाल उठाता है। विपक्ष इस मुद्दे को और जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है, जबकि बीजेपी की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस बीच, देश की जनता और राजनीतिक हलकों में धनखड़ की स्थिति को लेकर अनिश्चितता और उत्सुकता बनी हुई है।