श्री भाटिया के साथ इस प्रतिनिधिमंडल में एनआईसीडीसी के सीईओ और एमडी, डीपीआईआईटी के निदेशक और स्टार्टअप इंडिया के प्रमुख श्री रजत कुमार सैनी भी मौजूद रहे। दौरे का उद्देश्य था — देश के सबसे बड़े डीप टेक इनोवेशन हब के कामकाज को समझना और यह जानना कि एआई, मशीन लर्निंग, आईओटी और रोबोटिक्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकें विनिर्माण, लॉजिस्टिक्स और शहरी विकास को कैसे नई दिशा दे सकती हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने स्टार्टअप्स और इनक्यूबेशन सेंटर्स के प्रमुखों के साथ व्यापक चर्चा की, जिसमें नीति निर्माण में सुधार और नवाचार को बढ़ावा देने के अवसरों पर भी फोकस किया गया।
तुमकुरु औद्योगिक क्षेत्र की व्यापक समीक्षा
बेंगलुरु इन्वेस्टर्स राउंडटेबल मीटिंग के बाद सचिव भाटिया ने एनआईसीडीसी के तहत विकसित हो रहे 1,736 एकड़ में फैले तुमकुरु औद्योगिक क्षेत्र (TIC) का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने चरण-ए में चल रहे आंतरिक सड़क निर्माण, जल निकासी, यूटिलिटी कॉरिडोर और अन्य अधोसंरचना परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा की।
एलएंडटी और पीएमसी हास्कोनिंग डीएचवी के अधिकारियों के साथ बैठक में निर्माण प्रगति की विस्तृत जानकारी साझा की गई। एलएंडटी ने आश्वासन दिया कि वर्षांत तक भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी।
श्री भाटिया ने स्पष्ट कहा कि "गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। सभी हितधारकों को तय समय-सीमा के भीतर कार्य पूर्ण करना होगा, जिससे हम वैश्विक निवेशकों को आकर्षित कर सकें।"
उन्होंने कहा कि TIC को इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, क्लीनटेक और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों के लिए एक वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में विकसित करने की जरूरत है।
एयरोस्पेस और विनिर्माण सेक्टर पर भी नजर
प्रतिनिधिमंडल ने फॉक्सकॉन होन हाई टेक्नोलॉजी इंडिया, देवनहल्ली एयरोस्पेस स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (#SEZ) और डायनामैटिक टेक्नोलॉजीज का भी दौरा किया। इस विज़िट के दौरान भारत की उन्नत विनिर्माण क्षमताएं, सटीक इंजीनियरिंग कौशल और वैश्विक एयरोस्पेस सप्लाई चेन में देश की भूमिका को समझा गया।
उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक
तुमकुरु में हुई समीक्षा बैठक में कर्नाटक सरकार के प्रधान सचिव डॉ. सेल्वाकुमार एस, केआईएडीबी के एमडी डॉ. महेश एम, तुमकुरु की उपायुक्त श्रीमती शुभा कल्याण और एनआईसीडीसी व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य था — प्रगति का मूल्यांकन और समय पर परियोजना निष्पादन के लिए रणनीति तय करना।
सचिव ने बैठक में यह भी कहा कि "औद्योगिक विकास, निर्यात और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए नवाचार, इंफ्रास्ट्रक्चर और नीति समर्थन का तालमेल बेहद जरूरी है।"