राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल को लिखे पत्र में ओली ने कहा, "मैंने संविधान के अनुच्छेद 77(1)(ए) के तहत आज से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, ताकि देश की असामान्य स्थिति को देखते हुए राजनीतिक समाधान निकाला जा सके।"
प्रदर्शनकारियों ने लगातार दूसरे दिन संसद भवन परिसर की दीवार तोड़कर अंदर घुस गए। सोमवार को लगाए गए कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने कई नेताओं के घरों और कार्यालयों में आगजनी की, जिसमें ओली का भक्तपुर स्थित निजी आवास, राष्ट्रपति पौडेल, पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक, नेपाली कांग्रेस नेता शेर बहादुर देउबा और माओवादी नेता पुष्प कमल दहल के घर शामिल हैं। विदेश मंत्री आरजू देउबा राणा के एक स्कूल में भी आग लगाई गई।
सोमवार को पुलिस की गोलीबारी में 19 लोगों की मौत और 400 से अधिक लोग घायल हो गए। काठमांडू पोस्ट के अनुसार, नेपाली सेना ने हेलीकॉप्टरों की मदद से मंत्रियों को उनके घरों से सुरक्षित निकाला।
नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब पर प्रतिबंध और कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जेन-जेड’ प्रदर्शनकारियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। सरकार के इस फैसले और भ्रष्टाचार के आरोपों ने विरोध को और तेज कर दिया। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगों में ओली का इस्तीफा शामिल था।
सोमवार को शुरू हुए प्रदर्शनों के बाद गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी और जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव ने भी इस्तीफा दे दिया। काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर में कर्फ्यू लगाया गया, लेकिन प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरते रहे।
पिछले हफ्ते नेपाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया था, क्योंकि मेटा, अल्फाबेट, एक्स, रेडिट और लिंक्डइन जैसी कंपनियों ने सूचना मंत्रालय में पंजीकरण नहीं कराया था। मंगलवार को बैन हटने के बावजूद काठमांडू के न्यू बानेश्वर, कलंकी और चापागांव में प्रदर्शन जारी रहे। प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगाए और टायर जलाए। पुलिस ने संसद भवन के पास कई लोगों को गिरफ्तार किया।
भारत, ब्रिटेन, अमेरिका और अन्य देशों ने नेपाल में हिंसा पर चिंता जताई और संयम बरतने की अपील की। भारत ने कहा, "हम नेपाल में युवाओं की मौत से दुखी हैं। सभी पक्ष शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के जरिए समाधान निकालें।" संयुक्त राष्ट्र और नेपाल के मानवाधिकार आयोग ने भी हिंसा की निंदा की और जांच की मांग की।
नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के आसपास धुआं और अशांति के कारण इसे बंद कर दिया। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित हुई हैं।
इस्तीफे से पहले ओली ने सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा, "मैं विरोध प्रदर्शनों और हिंसा से दुखी हूं। हमें शांतिपूर्ण समाधान निकालना चाहिए।"
नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जेन-जेड’ के विरोध प्रदर्शनों ने सरकार को हिलाकर रख दिया। ओली का इस्तीफा और मंत्रियों की इस्तीफे की श्रृंखला से देश में राजनीतिक संकट गहरा गया है। स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर बनी हुई है।