देशभर में चलेगा जागरूकता व उपचार का महाअभियान
अभियान के तहत देशभर में स्वास्थ्य जांच शिविर, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, एनसीडी (गैर-संचारी रोग), कैंसर, एनीमिया, तपेदिक और सिकल सेल रोग की जांच और उपचार की व्यवस्था की गई है। साथ ही योग, जीवनशैली परामर्श और आयुष आधारित उपचार के जरिए महिलाओं को एक समग्र स्वास्थ्य समाधान मुहैया कराया जाएगा।
पीसीओडी, एनीमिया व हड्डियों के स्वास्थ्य पर विशेष फोकस
इस पहल में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD), एनीमिया और हड्डियों के स्वास्थ्य जैसे ज्वलंत मुद्दों पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। आयुष मंत्रालय इस दिशा में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी और सिद्ध पद्धतियों के जरिये प्रभावी समाधान उपलब्ध कराएगा।
प्रकृति परीक्षण व योग कियोस्क होंगे स्थापित
राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित किए जा रहे विशेष कियोस्कों में प्राकृतिक चिकित्सा परीक्षण (प्रकृति परीक्षण) और योग सत्रों के माध्यम से महिलाओं को जागरूक किया जाएगा। साथ ही स्कूलों, पंचायतों, संस्थानों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से जागरूकता शिविर, रैलियां और शपथ कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।
घरेलू उपचार और पोषण किट का वितरण
अभियान के दौरान घरेलू उपचार किट, पोषण किट और हर्बल चाय के फायदों से जुड़ी जानकारियां दी जाएंगी। महिलाओं को औषधीय पौधों की उपयोगिता से भी अवगत कराया जाएगा ताकि वे प्राकृतिक तरीकों से अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें।
सोशल मीडिया पर चलेंगे दैनिक स्वास्थ्य सुझाव
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर "एनीमिया मुक्त महिलाएं", "तनाव मुक्त जीवन", "हर्बल पोषण", "स्वस्थ हड्डियां" जैसे विषयों पर दैनिक आयुष स्वास्थ्य सुझाव साझा किए जाएंगे। इसका मकसद महिलाओं को स्वयं की स्वास्थ्य जिम्मेदारी उठाने और सशक्त बनने के लिए प्रेरित करना है।
कॉर्पोरेट बर्नआउट से निपटने पर भी जोर
अभियान कार्यस्थलों पर तनाव और कॉर्पोरेट बर्नआउट जैसी समकालीन समस्याओं से निपटने में भी सहायता करेगा। आयुष पद्धतियों के माध्यम से तनाव-प्रबंधन को प्राथमिकता दी जा रही है।