हादसे का विवरण:
भारतीय वायु सेना ने बताया कि यह दो सीटों वाला जैगुआर जेट एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान (नाइट मिशन) पर था। उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी के कारण दोनों पायलटों ने इजेक्ट करने की कोशिश की। एक पायलट सुरक्षित रूप से बाहर निकल गया, लेकिन उसे चोटें आईं और उसे तुरंत जामनगर के जीजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। वहीं, दूसरा पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया और गुरुवार सुबह उसकी मौत की पुष्टि हुई।
IAF ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "जामनगर एयरफील्ड से उड़ान भरने वाला एक जैगुआर जेट रात के मिशन के दौरान क्रैश हो गया। तकनीकी खराबी के कारण पायलटों ने इजेक्ट किया, ताकि हवाई अड्डे और स्थानीय आबादी को नुकसान न हो। दुर्भाग्यवश, एक पायलट अपनी चोटों से नहीं बच सका। दूसरा पायलट अस्पताल में इलाज ले रहा है।" वायु सेना ने इस नुकसान पर गहरा दुख जताया और मृतक पायलट के परिवार के साथ मजबूती से खड़े होने की बात कही।
घटनास्थल का हाल:
हादसे के बाद विमान खेत में जा गिरा, जिसके बाद वह कई टुकड़ों में बंट गया और उसमें भीषण आग लग गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि तेज धमाके की आवाज सुनाई दी और आसमान में धुआं छा गया। घटनास्थल से वायरल हुए वीडियो में जलते हुए मलबे और विमान के हिस्से बिखरे हुए दिखाई दे रहे हैं। जामनगर के पुलिस अधीक्षक प्रेमसुख डेलू ने कहा, "हादसे में कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ, क्योंकि विमान खुली जगह पर गिरा। एक पायलट को बचा लिया गया, लेकिन दूसरा गंभीर रूप से घायल था।"
जामनगर कलेक्टर केतन ठक्कर ने बताया, "आग पर काबू पा लिया गया है। वायु सेना, पुलिस, और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर मौजूद हैं। बचाव कार्य पूरा हो चुका है।" हादसे के बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
जांच के आदेश:
भारतीय वायु सेना ने इस हादसे की वजह जानने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (Court of Inquiry) के आदेश दिए हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, तकनीकी खराबी ही इस दुर्घटना का कारण हो सकती है। जैगुआर जेट, जो 1970 के दशक के अंत में वायु सेना में शामिल किया गया था, एक पुराना लेकिन प्रभावी लड़ाकू विमान है। हाल के वर्षों में इसके कई हादसे सामने आए हैं, जिसके बाद इसकी उम्र और रखरखाव पर सवाल उठ रहे हैं। IAF इसे धीरे-धीरे तेजस एमके1ए से बदलने की योजना बना रही है।
पहले भी हो चुके हैं हादसे:
यह 2025 में जैगुआर जेट का दूसरा हादसा है। इससे पहले 7 मार्च को हरियाणा के अंबाला के पास एक जैगुआर क्रैश हुआ था, जिसमें पायलट सुरक्षित बाहर निकल गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि इन विमानों की उम्र और तकनीकी चुनौतियां इस तरह के हादसों का कारण बन सकती हैं।
वायु सेना का बयान:
IAF ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर लिखा, "हम इस नुकसान से गहराई से दुखी हैं और शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं। हादसे की वजह जानने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।" इस घटना ने वायु सेना और देश भर में शोक की लहर पैदा कर दी है।
यह हादसा वायु सेना के लिए एक बड़ा झटका है। जांच रिपोर्ट के बाद ही साफ होगा कि इस दुर्घटना के पीछे की असल वजह क्या थी। तब तक, घायल पायलट के जल्द ठीक होने की कामना की जा रही है और मृतक पायलट को श्रद्धांजलि दी जा रही है। क्या यह हादसा पुराने विमानों को बदलने की प्रक्रिया को तेज करेगा? यह सवाल अब चर्चा का विषय बन गया है।