भारतीय सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
भारतीय सेना ने रविवार शाम नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पहलगाम हमले के जिम्मेदार आतंकवादियों को सजा देना और उनके बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था।" उन्होंने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा का गढ़ मुरिदके शामिल था।
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने दावा किया, "इन हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ, और मुदस्सिर अहमद जैसे हाई-वैल्यू आतंकी शामिल थे, जो आईसी 814 अपहरण और पुलवामा हमले में शामिल थे।"
एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि 7 मई की शाम को पाकिस्तान ने भारत की पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और मानवरहित यंत्रों से हमले किए, जो सैन्य और रिहायशी इलाकों पर लक्षित थे। भारतीय सेना ने इनमें से अधिकांश को सफलतापूर्वक रोक लिया, हालांकि कुछ हमलों से सीमित नुकसान हुआ। उन्होंने कहा, "हमने आतंकवादियों को निशाना बनाया, जबकि पाकिस्तान ने हमारे नागरिकों और सैन्य ढांचे को टारगेट किया।"
पाकिस्तान के दावे पर कि उसने भारत के दो राफेल विमानों को मार गिराया, एयर मार्शल भारती ने कहा, "कॉम्बैट में नुकसान स्वाभाविक है, लेकिन सवाल यह है कि क्या हमने अपने उद्देश्य हासिल किए? जवाब है—हां, हमने आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।" उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तानी विमानों को भारतीय सीमा में घुसने से रोका गया, लेकिन उनके मलबे का कोई सबूत नहीं है।
भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा कि नौसेना ने अरब सागर में युद्धपोत और पनडुब्बियां तैनात की थीं, जिससे पाकिस्तानी नौसेना और वायु इकाइयों को रक्षात्मक स्थिति में रहना पड़ा। "हम पाकिस्तानी इकाइयों की हर गतिविधि पर नजर रख रहे थे," उन्होंने कहा।
पाकिस्तानी सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस: 26 भारतीय ठिकानों पर हमला
पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग (आईएसपीआर) के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने देर रात इस्लामाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने ऑपरेशन बुनयान-उल-मरसूस के तहत भारत के 26 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें सूरतगढ़, सिरसा, आदमपुर, भुज, नालिया, बठिंडा, बरनाला, हरवाड़ा, अवंतिपुरा, श्रीनगर, जम्मू, अंबाला, उधमपुर, और पठानकोट के वायुसेना और विमानन अड्डे शामिल थे।
चौधरी ने कहा, "पाकिस्तान ने फतेह-1 और फतेह-2 मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जिन्हें शहरी आबादी को नुकसान से बचाने के लिए सटीकता से दागा गया।" उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत की दो एस-400 बैटरी प्रणालियों को नष्ट किया और साइबर हमलों के जरिए भारतीय सैन्य ढांचे को कमजोर किया।
पाकिस्तानी सेना ने एक फाइटर जेट के नुकसान को स्वीकार किया, लेकिन कहा कि यह जल्द ही मरम्मत के बाद ऑपरेशनल होगा। चौधरी ने भारतीय दावों को खारिज करते हुए कहा, "कोई भारतीय पायलट हमारी हिरासत में नहीं है; यह सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाह है।"
पाकिस्तानी नौसेना के वाइस एडमिरल राब नवाज ने कहा कि उन्होंने भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत की गतिविधियों पर नजर रखी। "6 और 7 मई को यह मुंबई के पास था, और 9 मई को यह पाकिस्तानी समुद्र से 400 नॉटिकल मील दूर था, जिसके बाद यह वापस मुंबई की ओर लौटा।" उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तानी नौसेना किसी भी समुद्री हमले का जवाब देने के लिए तैयार थी।
संघर्ष का पृष्ठभूमि और युद्धविराम
यह संघर्ष 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसे भारत ने पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ा। भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत PoK और पाकिस्तान के पंजाब में आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए। जवाब में, पाकिस्तान ने ड्रोन, मिसाइल, और साइबर हमले किए।
शनिवार को अमेरिका की मध्यस्थता में दोनों देशों ने युद्धविराम की घोषणा की, लेकिन कुछ घंटों बाद ही दोनों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन का आरोप लगाया। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान ने युद्धविराम का उल्लंघन किया, जबकि पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने इन आरोपों को खारिज किया।
भारत और पाकिस्तान की प्रेस कॉन्फ्रेंस से दोनों देशों के बीच गहरे अविश्वास और तनाव की स्थिति स्पष्ट होती है। भारत ने अपनी कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ लक्षित बताया, जबकि पाकिस्तान ने इसे आक्रामकता करार देकर जवाबी हमलों का दावा किया। युद्धविराम के बावजूद, दोनों देश सतर्क हैं, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने शांति की अपील की है।