एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में जेएनयू, नई दिल्ली की डाॅ. प्रतिमा सोलंकी ने बीज व्याख्यान देते हुए स्वास्थ्य में नैनो मैटिरियल्स आधारित बायोसेंसर्स की भूमिका तथा महत्व को रेखांकित किया। जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी की डाॅ. जागृति नारंग तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्म्युनोलॉजी के डाॅ. अनिल कुमार ने रोग पहचान में पेपर-बेस्ड इलैक्ट्रोड्स तथा मॉलिक्यूलर इमप्रिंटेड पोलीमर्स की भूमिका पर चर्चा की। साथ ही, माइक्रोबायोटा-डिराइव्ड मेटाबोलाइट्स के बारे में विचार रखे।
फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज की डीन प्रो. राजेश धनखड़ एवं इस नेशनल सेमिनार की कंवीनर प्रो. राजेश धनखड़ ने दीप प्रज्ज्वलन कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रो. राजेश धनखड़ ने जीव विज्ञान क्षेत्र में नवीनतम विकास तथा इसके जन-जीवन पर प्रभाव की चर्चा की। सीएमबीटी निदेशिका एवं इस नेशनल सेमिनार की को-कंवीनर डाॅ. अमिता सुनेजा डंग ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी के जरिए नैनो बायोसेंसिंग के नवीनतम रुझानों पर चर्चा होगी। आयोजन सचिव डाॅ. हरि मोहन ने संगोष्ठी की थीम पर प्रकाश डाला। इस मौके पर आभार प्रदर्शन प्राध्यापक डाॅ. अनिल कुमार ने किया। इस अवसर पर जूलोजी विभाग की अध्यक्षा प्रो. विनीता शुक्ला, प्रो. मीनाक्षी शर्मा समेत सीएमबीटी के प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।