डॉ. सिंह, जो प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं, ने सभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, जवाबदेही और तकनीकी नवाचार के जरिए लाए गए सुधारों को रेखांकित किया।
कोविड काल में भी आरटीआई मामलों का 100% निपटान
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य आयोगों ने लगभग 100 प्रतिशत आरटीआई मामलों का निपटान सुनिश्चित किया। उन्होंने इसे डिजिटल प्रौद्योगिकी के कुशल उपयोग और शासन में पारदर्शिता की प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया।
1,600 अप्रचलित कानून समाप्त, इंटरव्यू प्रणाली में बड़ा बदलाव
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार ने अब तक 1,600 से अधिक अप्रचलित और अनावश्यक कानूनों को समाप्त कर दिया है, जिससे शासन प्रणाली को सरल और युवा-अनुकूल बनाया जा सके। इसी क्रम में सरकारी भर्तियों में इंटरव्यू की प्रथा को खत्म कर मेरिट आधारित चयन प्रणाली को प्राथमिकता दी गई है, जिससे भाई-भतीजावाद और पक्षपात पर लगाम लगी है।
'ह्यूमन डेस्क' और डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में नए प्रयोग
डॉ. सिंह ने बताया कि RTI आवेदकों को समाधान के बाद 'ह्यूमन डेस्क' के ज़रिए कॉल कर उनकी संतुष्टि सुनिश्चित की जा रही है। यह पहल न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देती है, बल्कि नागरिकों को यह विश्वास भी दिलाती है कि शासन तंत्र उनकी आवाज़ को सुनता है।
उन्होंने यह भी बताया कि अधिकतर सरकारी जानकारी और आदेश पहले से ही विभागीय वेबसाइट्स पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं, जिससे बार-बार RTI दायर करने की आवश्यकता कम हो गई है। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि दोहराए जाने वाले या अनावश्यक आवेदनों की छंटाई के लिए मानक प्रक्रियाएं विकसित की जानी चाहिए।
NFICI बना संवाद और सहयोग का सशक्त मंच
NFICI के कार्यों की सराहना करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि यह मंच देशभर के सूचना आयुक्तों के बीच संवाद, समन्वय और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। उन्होंने आयुक्तों से अपील की कि वे अपने कार्यकाल के दौरान रचनात्मक सुझाव आगे रखें ताकि उन पर शीघ्र अमल हो सके।
नागरिक-केंद्रित पारदर्शी शासन की ओर कदम
डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि RTI, CPGRAMS और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म नागरिक-केंद्रित और पारदर्शी शासन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार” के विज़न के अनुरूप तकनीकी नवाचारों के माध्यम से जनहित और सुशासन को प्राथमिकता दी जा रही है।