एनसीडीआरसी ने रिकॉर्ड 122% निपटान दर दर्ज की। राज्यवार आंकड़े और भी प्रभावशाली हैं:
* तमिलनाडु: 277%,
* राजस्थान: 214%,
* तेलंगाना: 158%,
* हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड: 150%,
* मेघालय: 140%,
* केरल: 122%,
* पुदुचेरी: 111%,
* छत्तीसगढ़: 108%,
*उत्तर प्रदेश: 101%।
ई-जागृति बना उपभोक्ताओं की सबसे बड़ी ताकत
1 जनवरी 2025 को शुरू हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म "ई-जागृति" ने देशभर में उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान का तरीका ही बदल दिया है। 6 अगस्त 2025 तक, दो लाख से अधिक उपयोगकर्ता, जिनमें एनआरआई भी शामिल हैं, इस पर पंजीकरण कर चुके हैं। सिर्फ इस साल 85,531 से अधिक शिकायतें दर्ज हुई हैं।
यह प्लेटफॉर्म ओसीएमएस, ई-दाखिल, एनसीडीआरसी सीएमएस और कॉन्फोनेट जैसे पुराने सिस्टम्स को एकीकृत करता है और उपभोक्ताओं को घर बैठे शिकायत दर्ज करने, फीस का भुगतान करने, केस ट्रैक करने और वर्चुअल सुनवाई में भाग लेने की सुविधा देता है।
क्या है ई-जागृति की खासियत?
वास्तविक समय में केस ट्रैकिंग,
वॉइस-टू-टेक्स्ट सुविधा,
दृष्टिबाधित और बुजुर्ग उपभोक्ताओं के लिए सपोर्ट,
बहुभाषी सहायता और चैटबॉट,
ऑनलाइन सुनवाई, डिजिटल केस फाइल, स्मार्ट कोर्ट कैलेंडर,
भारत कोष और पे-गव से सुरक्षित भुगतान।
प्लेटफॉर्म की सफलता की झलक — राज्यवार मिसालें:
* तमिलनाडु (धर्मपुरी)
मामला: खराब टीवी की शिकायत
निपटान: 80 दिन में
राशि लौटाई गई: ₹14,249 + ₹5,000 (मानसिक पीड़ा) + ₹10,000 (मुकदमेबाजी खर्च)
* तमिलनाडु (तंजावुर)
मामला: नीट कोचिंग फीस की वापसी
निपटान: 79 दिन में
राशि लौटाई गई: ₹99,500 + ₹5 लाख (मुआवजा) + ₹10,000 (खर्च)
* पंजाब (बरनाला)
मामला: खराब टाइल्स से संरचनात्मक समस्या
निपटान: 141 दिन में
फैसला: ₹3.09 लाख + ₹10,000 (पीड़ा) + ₹5,000 (खर्च) + 7% ब्याज
* हरियाणा (रेवाड़ी)
मामला: खराब डिशवॉशर
निपटान: 70 दिन में
राशि लौटाई गई: ₹48,000 + ₹13,097 (एएमसी) + ₹25,000 (मुआवजा)
* गुजरात (अहमदाबाद)
मामला: मेडिक्लेम रिजेक्शन
निपटान: सिर्फ 30 दिन में
राशि लौटाई गई: ₹35,496 + ₹2,000 (पीड़ा व खर्च) + 7% ब्याज
निष्कर्ष:
ई-जागृति के जरिए उपभोक्ताओं को मिल रही यह त्वरित, पारदर्शी और डिजिटल न्याय प्रक्रिया नए भारत की तस्वीर पेश कर रही है। यह पहल न केवल न्यायिक व्यवस्था को सशक्त बना रही है, बल्कि हर उपभोक्ता को सशक्त नागरिक में भी बदल रही है।
उपभोक्ता मामले विभाग का आग्रह है— अपने अधिकारों के लिए आगे आएं, ई-जागृति का उपयोग करें और न्याय प्राप्त करें — कहीं से भी, कभी भी।
"अब उपभोक्ता की आवाज़ ना होगी अनसुनी"