बैठक का उद्देश्य
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था—सरकारी संस्थानों के बीच समन्वय को सुदृढ़ करना, सांख्यिकीय प्रक्रिया में आधुनिक तकनीकों का समावेश करना और डेटा को नीति निर्माण की आधारशिला बनाना।
प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति
इस आयोजन में श्री आदिल ज़ैनुलभाई, पूर्व अध्यक्ष, क्षमता निर्माण आयोग; श्री बी.वी.आर. सुब्रमण्यम, CEO, नीति आयोग; डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन, मुख्य आर्थिक सलाहकार; डॉ. सौरभ गर्ग, सचिव, MoSPI; श्री एस. कृष्णन, सचिव, MeitY सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मंच पर उपस्थित रहे।
आदिल ज़ैनुलभाई: "डेटा भारत की विकास गाथा को आकार दे सकता है"
मुख्य अतिथि श्री आदिल ज़ैनुलभाई ने डिजिटल इंडिया के दौर में सांख्यिकी के डिजिटलीकरण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि भारत को डाटा के वैश्विक स्वर्ण मानक की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने ई-सांख्यिकी पोर्टल, मेटाडेटा संरचना और हैकथॉन जैसे अभियानों की सराहना की और राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण (NSS) को पेपरलेस व रियल टाइम बनाने की वकालत की।
उन्होंने कहा कि सांख्यिकी सलाहकार अब केवल आंकड़ों के रक्षक नहीं बल्कि डाटा अखंडता के संरक्षक और नीति निर्माण के सहभागी हैं।
बी.वी.आर. सुब्रमण्यम: "उच्च गुणवत्ता वाला डेटा है नीति निर्माण की रीढ़"
नीति आयोग के CEO श्री बी.वी.आर. सुब्रमण्यम ने मासिक PLFS डेटा प्रकाशन की MoSPI की पहल को सराहा और सुझाव दिया कि आर्थिक संकेतकों को नियमित अंतराल पर जारी किया जाए। उन्होंने व्यापार नीति, सामाजिक कल्याण और आर्थिक विश्लेषण में डेटा की भूमिका को रेखांकित करते हुए AI व मशीन लर्निंग जैसे टूल्स को अपनाने पर बल दिया।
एस. कृष्णन: “डेटा तक सुरक्षित और अनुकूल पहुंच आज की मांग”
इलेक्ट्रॉनिकी एवं आईटी मंत्रालय के सचिव श्री एस. कृष्णन ने डेटा गोपनीयता और पहुंच के संतुलन की ओर ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने बताया कि कैसे क्लाउड-आधारित डाटा लेक, सिक्योर API और AI-ML विश्लेषण से प्रशासनिक अनुसंधान और नवाचार को बल मिलेगा।
डॉ. नागेश्वरन: "समय पर, भरोसेमंद और सुलभ डेटा जरूरी"
मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि आज नीति निर्माण में डेटा न केवल सहायक, बल्कि आवश्यक आधार बन गया है। उन्होंने मंत्रालयों को परंपरागत व उभरते स्रोतों से डेटा जुटाकर यूज़र-फ्रेंडली, सटीक और समयबद्ध डेटा साझा करने की अपील की।
डॉ. सौरभ गर्ग: "ई-सांख्यिकी पोर्टल बनेगा राष्ट्रीय डेटा का हब"
MoSPI सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने ई-सांख्यिकी पोर्टल की प्रगति साझा करते हुए कहा कि 2025-26 तक विभिन्न मंत्रालयों के प्रमुख डेटासेट को एक मंच पर लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी सलाहकार केवल आंकड़ों के प्रबंधक नहीं, बल्कि “साक्ष्य-आधारित शासन के प्रमुख भागीदार” हैं।
तकनीकी सत्रों में हुआ गहन विश्लेषण
तकनीकी सत्रों में चर्चा का केंद्र रहा—
* डेटा मानकीकरण और समन्वय
* सतत विकास लक्ष्यों की निगरानी
* राष्ट्रीय खातों के लिए डेटा आवश्यकताएं
* औद्योगिक सांख्यिकी का सुदृढ़ीकरण
* इन्फ्रास्ट्रक्चर निगरानी और मूल्यांकन
प्रस्तुतियों में AI, ML, Big Data जैसे उभरती तकनीकों का उपयोग और डेटा-साझाकरण की नीति को मजबूत बनाने के उपायों पर भी चर्चा हुई।
समापन सत्र में मिली प्रतिबद्धता
समापन सत्र को डॉ. सौरभ गर्ग, सुश्री गीता सिंह राठौर (महानिदेशक, एनएसएस) और श्री पी. आर. मेश्राम (महानिदेशक, MoSPI) ने संबोधित किया। सभी प्रतिभागियों से सुझाव लिए गए और एक आधुनिक, नवाचारी और विश्वसनीय सांख्यिकीय प्रणाली के निर्माण के लिए साझा प्रतिबद्धता जताई गई।