प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब "रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म" के दौर को पार कर, नई गति और दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का लक्ष्य एक ऐसा आधुनिक और नागरिक-अनुकूल इकोसिस्टम तैयार करना है, जहां कानून सरल हों, प्रक्रियाएं पारदर्शी हों और हर भारतीय विकसित भारत के निर्माण में भागीदार बन सके।
40,000 अनुपालनों की समाप्ति, 1,500 पुराने कानून रद्द
प्रधानमंत्री ने बताया कि बीते वर्षों में 40,000 से अधिक अनावश्यक अनुपालनों को खत्म किया गया है और 1,500 से ज्यादा पुराने कानूनों को निरस्त किया गया है। इसी सत्र में संसद ने 280 से अधिक प्रावधान हटाए हैं। उन्होंने कहा, "सुधार केवल आर्थिक नहीं, बल्कि हर नागरिक के जीवन को सरल और प्रभावी बनाने का माध्यम है।"
प्रमुख सुधारों की झलक:
* आयकर में छूट: ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर शून्य कर का प्रावधान
* फेसलेस असेसमेंट: पारदर्शी और कुशल टैक्स प्रणाली
* भारतीय न्याय संहिता: पुराने आपराधिक कानूनों का प्रतिस्थापन, प्रक्रियाओं में सरलीकरण
* प्रधानमंत्री ने इसे एक नागरिक-केंद्रित शासन प्रणाली की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।
स्टार्टअप और एमएसएमई के लिए बड़ा कदम
श्री मोदी ने कहा कि सुधारों का उद्देश्य स्टार्टअप्स और एमएसएमई को डर और जटिल कानूनों के बोझ से मुक्त करना है। इससे उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा।
उन्होंने अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए एक कार्य बल के गठन की घोषणा की, जो सभी आर्थिक गतिविधियों से संबंधित कानूनों और नियमों की समीक्षा करेगा। इस कार्य बल का फोकस होगा:
* अनुपालन लागत में कटौती
* कानूनी भय से मुक्ति
* व्यापार के लिए सरल और स्पष्ट वातावरण तैयार करना
दिवाली से पहले नया जीएसटी सुधार
प्रधानमंत्री ने दिवाली से पहले अगली पीढ़ी के वस्तु एवं सेवाकर (GST) सुधार लागू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य आम आदमी पर टैक्स का बोझ कम करना है। "यह दिवाली का तोहफा होगा," उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा।
भविष्य की दिशा
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को दूसरों की सीमाओं की बजाय अपनी संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य ऐसा भारत बनाना है जहां शासन जनता के लिए काम करे, न कि जनता शासन के लिए।"
प्रधानमंत्री का यह संबोधन, भारत के सुधारवादी एजेंडे को अगले स्तर पर ले जाने और नागरिकों को सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत नीति संकेत के रूप में देखा जा रहा है।