इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य मेट्रोलॉजिकल ट्रेसेबिलिटी (मापन अनुरेख्यता) की श्रृंखला को और सशक्त करना, तथा मेट्रोलॉजी के क्षेत्र में हो रहे नवाचार, प्रगति और चुनौतियों पर विचार-विमर्श के लिए विभिन्न हितधारकों को एक साझा मंच पर लाना था। इस मौके पर भौतिक-यांत्रिक मेट्रोलॉजी प्रभाग की अंशांकन एवं परीक्षण गतिविधियों पर आधारित एक विशेष फ्लायर भी जारी किया गया।
प्रमुख अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सीएमटीआई, बेंगलुरु के निदेशक डॉ. नागहनुमैया तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में सीएक्यूएम के सदस्य (तकनीकी) डॉ. एस. डी. अत्री उपस्थित रहे। दोनों ही विशेषज्ञों ने मेट्रोलॉजी के बढ़ते महत्व और इसके बहुआयामी उपयोगों पर अपने विचार साझा किए।
पोस्टर सत्र रहा आकर्षण का केंद्र
सम्मेलन के दौरान आयोजित पोस्टर सत्र में देशभर के शोधार्थियों, वैज्ञानिकों, तकनीकी अधिकारियों और पीएचडी छात्रों ने भाग लिया। कुल 44 शोध पोस्टरों की प्रस्तुति की गई, जिनमें से उत्कृष्ट पोस्टरों को सम्मानित भी किया गया। यह सत्र वैज्ञानिक सोच को साझा करने और नवाचार को प्रोत्साहित करने का एक बेहतरीन मंच बना।
तकनीकी नवाचार का हस्तांतरण
सम्मेलन के दौरान धातु/पॉलिमर लैमिनेट-आधारित एमएलपी पुनर्चक्रण तकनीक को उद्योग जगत को हस्तांतरित किया गया। यह तकनीक तकनीकी अनुप्रयोगों में सामग्रियों की पुनर्प्राप्ति की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
समापन समारोह में निदेशक का संबोधन
समारोह के समापन अवसर पर सीएसआईआर-एनपीएल के निदेशक प्रो. वेणुगोपाल अचंता ने कहा कि भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में मापन विज्ञान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने वैज्ञानिकों का आह्वान करते हुए कहा कि वे स्वदेशी मापन मानकों के विकास के लिए लगातार प्रयासरत रहें।