बैठक की अध्यक्षता CEA के अध्यक्ष श्री देवेंद्र कुमार सिंह ने की। इस मौके पर ओडिशा, बिहार, तमिलनाडु, तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख राज्यों के सहकारी चुनाव आयुक्तों की उपस्थिति रही। केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आनंद कुमार झा, CEA के उपाध्यक्ष श्री आर. के. गुप्ता, तथा सहकारिता लोकपाल श्री आलोक अग्रवाल भी इस विचार-विमर्श का हिस्सा बने।
मोदी सरकार के नेतृत्व में सहकारी चुनावों में आया बड़ा बदलाव
श्री देवेंद्र कुमार सिंह ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारी क्षेत्र में कई ऐतिहासिक सुधार किए गए हैं। मार्च 2024 से अब तक CEA द्वारा 159 सहकारी चुनावों का सफल आयोजन किया जा चुका है, जबकि 69 अन्य चुनावों की प्रक्रिया प्रगति पर है।
उन्होंने बताया कि बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 की धारा 45 तथा उसके 2023 संशोधन के अंतर्गत CEA का गठन 11 मार्च 2024 को अधिसूचित किया गया था।
2025: अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जाएगा
श्री सिंह ने कहा कि वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जाएगा और यह बैठक उस दिशा में एक सार्थक पहल है। उन्होंने चुनावों में आचार संहिता, चुनाव खर्च की सीमा, रिटर्निंग अधिकारियों के लिए हैंडबुक, तथा राष्ट्रीय सहकारी समितियों में प्रतिनिधियों के चुनाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।
EVM और अमिट स्याही का प्रस्ताव भी एजेंडे में शामिल
बैठक में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को सहकारी चुनावों में लागू करने के प्रस्ताव पर भी गंभीर विचार किया गया। इसके साथ ही, अमिट स्याही के प्रयोग, चुनाव चिन्ह की व्यवस्था, और सदस्यों की शेयर पूंजी से संबंधित मुद्दों पर भी राज्यों से सुझाव आमंत्रित किए गए।
हर तीन महीने में होगी परामर्श बैठक
CEA ने यह भी निर्णय लिया कि सहकारी चुनाव प्रक्रिया में सुधार की दिशा में हर तीन महीने में परामर्शदात्री बैठक आयोजित की जाएगी, जिससे राज्यों के साथ नियमित संवाद और सुझावों का आदान-प्रदान हो सके।
राज्यों की भागीदारी
बैठक में भाग लेने वाले प्रमुख प्रतिनिधि:
ओडिशा: श्री श्रीकांत प्रुस्ती
बिहार: श्री गिरीश शंकर, श्री कुमार शांत रक्षित
तमिलनाडु: तिरु दयानंद कटारिया
महाराष्ट्र: श्री अनिल महादेव कवाडे, श्री अशोक गाडे
तेलंगाना: श्री जी श्रीविनास राव