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Tuesday, August 26, 2025

24JT News Desk / Udaipur /August 11, 2025

जहां एक समय गंदगी, बदबू और जहरीले धुएं का बोलबाला था, वहीं आज हरियाली की चादर लहराने लगी है। हम बात कर रहे हैं ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-16 रेलवे ब्रिज के पास की उस 10 एकड़ ज़मीन की, जो कभी एक डंपिंग ग्राउंड के नाम से बदनाम थी। लेकिन अब यह जगह एक बायोडायवर्सिटी पार्क के रूप में नई पहचान पा चुकी है।

"स्वच्छता की उड़ान: डंपिंग ग्राउंड से बायोडायवर्सिटी पार्क तक" | Photo Source : PIB
देश / "स्वच्छता की उड़ान: डंपिंग ग्राउंड से बायोडायवर्सिटी पार्क तक" ग्रेटर नोएडा में स्वच्छ भारत मिशन की प्रेरणा से बदली तस्वीर, बनी देश को राह दिखाने वाली मिसाल

यह बदलाव यूं ही नहीं आया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्र सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की दूरदर्शी पहल, स्थानीय प्रशासन की प्रतिबद्धता और आम नागरिकों की भागीदारी ने मिलकर इस असंभव से दिखने वाले कार्य को संभव बना दिया।

डंपिंग ग्राउंड से हरियाली तक का सफर


इस स्थान पर कभी अवैध खनन होता था, जहरीले धुएं उठते थे और आसपास के बाशिंदे सांस लेने तक से डरते थे। लेकिन आज यहां 15,000 से अधिक पेड़ों का एक घना जंगल विकसित किया जा चुका है, जो कि सेमी-मियावाकी तकनीक से तैयार किया गया है। यह केवल एक सौंदर्यिक परिवर्तन नहीं, बल्कि पर्यावरणीय पुनरुत्थान की कहानी है।

तीन संस्थाओं की साझेदारी, सात महीने की मेहनत


इस परिवर्तन के पीछे तीन प्रमुख संस्थाएं रहीं — ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (NPCL) और SAFE (Social Action for Forest and Environment)। सात महीने की अथक मेहनत और स्पष्ट लक्ष्य ने इस परियोजना को धरातल पर उतारा।

सिर्फ सफाई नहीं, 'सर्कुलर इकॉनॉमी' की मिसाल


इस प्रक्रिया में 12 ट्रक कचरा हटाया गया और करीब 1,600 किलोग्राम प्लास्टिक को रीसायकल कर उपयोगी बेंचों में बदला गया। पुनर्जीवित तालाब अब 38 सेंटीमीटर वर्षा जल को संजोने में सक्षम है। पार्क में लगे सोलर पंप प्रतिदिन 3.6 किलोवाट-घंटे बिजली की बचत कर रहे हैं।

जनभागीदारी बनी सफलता की कुंजी


इस परिवर्तन में स्थानीय नागरिकों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्लॉगिंग, पेंटिंग, सौंदर्यीकरण जैसी गतिविधियों में जन-सहभागिता ने इस पार्क को एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि जनआंदोलन बना दिया।

विकास की नई परिभाषा


यह परियोजना बताती है कि जब सोच सकारात्मक हो और इरादे मजबूत, तो एक डंपिंग ग्राउंड भी विकास और जैव विविधता का प्रतीक बन सकता है। स्वच्छ भारत मिशन की प्रेरणा और स्थानीय स्तर पर हुए सामूहिक प्रयासों ने एक नई राह दिखाई है — जो पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास और जन-सहभागिता को एक साथ जोड़ती है।

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