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Wednesday, July 30, 2025

24JT News Desk / Udaipur /June 6, 2025

ब्रिक्स संसदीय फोरम के 11वें सम्मेलन में भारत ने वैश्विक मंच पर एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ अपने सख्त रुख को दोहराया। ब्राज़ीलिया में 4-5 जून को हुए इस दो दिवसीय सम्मेलन में शामिल 10 सदस्य देशों की संसदों ने भारत के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के विरुद्ध "ज़ीरो टॉलरेंस" नीति पर एकमत सहमति जताई।

ब्रिक्स फोरम में भारत का कड़ा संदेश: आतंकवाद पर
देश / ब्रिक्स फोरम में भारत का कड़ा संदेश: आतंकवाद पर

इस उच्चस्तरीय सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला ने किया। भारत के मजबूत और स्पष्ट रुख को सभी देशों ने सराहा, और आतंकवाद पर भारत की पहल को साझा घोषणा-पत्र में विशेष रूप से शामिल किया गया।

कौन-कौन थे शामिल?


ब्रिक्स फोरम में इस बार 10 देश सदस्य के रूप में शामिल हुए:
भारत, ब्राज़ील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, यूएई, मिस्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया।

सभी देशों के संसद प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी निभाई और आपसी सहयोग, वैश्विक सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था जैसे प्रमुख विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया।

ओम बिड़ला ने क्या कहा?


लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला ने अपने संबोधन में कहा:

"आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक समुदाय को एकजुट होकर बिना किसी भेदभाव के लड़ना होगा। आर्थिक मदद, तकनीक का दुरुपयोग, खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान और न्यायिक सहयोग पर एकजुट कार्रवाई अनिवार्य है।"

उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की "जीरो टॉलरेंस" नीति को दोहराते हुए कहा कि भारत की यह नीति केवल देश की नहीं, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता की आवश्यकता है।

भारत को अगली अध्यक्षता


सम्मेलन के समापन पर घोषणा की गई कि 12वां ब्रिक्स संसदीय फोरम सम्मेलन भारत में आयोजित किया जाएगा। इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला को सर्वसम्मति से अगला अध्यक्ष नियुक्त किया गया। यह भारत के बढ़ते वैश्विक कूटनीतिक प्रभाव का प्रतीक माना जा रहा है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में कौन थे?


राज्यसभा उपसभापति श्री हरिवंश

सांसद श्री सुरेंद्र सिंह नगर

सांसद श्री विजय बघेल

सांसद श्री विवेक ठाकुर

सांसद डॉ. शबरी बैरेड्डी

लोकसभा महासचिव श्री उत्तपल कुमार सिंह

राज्यसभा महासचिव श्री पी.सी. मोदी

तथा लोकसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी

ब्रिक्स संसदीय मंच पर भारत की सक्रिय भूमिका ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत अब न केवल नीति-निर्माता के रूप में, बल्कि निर्णायक नेतृत्वकर्ता के रूप में भी उभर रहा है। आतंकवाद, तकनीकी सहयोग, वैश्विक न्याय व्यवस्था और लोकतांत्रिक संवाद जैसे मुद्दों पर भारत की पहल अब अंतरराष्ट्रीय सहमति का केंद्र बनती जा रही है।

अगली बड़ी जिम्मेदारी अब भारत के पास है — ब्रिक्स संसदों का नेतृत्व और वैश्विक नीतिगत साझेदारी को नई दिशा देना।




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