क्या है ‘सी-केयर्स 2.0’?
सी-केयर्स 2.0 एक ऐसा एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो कोयला श्रमिकों, कोयला कंपनियों और सीएमपीएफओ को जोड़ते हुए PF और पेंशन प्रक्रिया को डिजिटल तरीके से आसान बनाता है। अब सदस्य दावों को रियल टाइम में ट्रैक कर सकेंगे, प्रोफाइल देख सकेंगे और शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
मॉड्यूल में एक मोबाइल ऐप भी शामिल है, जिसमें चैटबॉट सुविधा दी गई है, जिससे सदस्य सीधे सवाल पूछ सकते हैं और ज़रूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ऐप के ज़रिए PF बैलेंस और क्लेम की स्थिति देखी जा सकती है।
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की सुविधा
इस नए वर्जन में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) मॉड्यूल को भी शामिल किया गया है, जिसे SBI के सहयोग से सी-डैक ने विकसित किया है। यह मॉड्यूल सीधे श्रमिकों के बैंक खातों में PF और पेंशन राशि हस्तांतरित करने में सक्षम है। शुरुआत में इसे पांच क्षेत्रीय कार्यालयों—गोदावरीखानी, कोठागुडेम, आसनसोल-I, बिलासपुर और नागपुर—में लागू किया गया है। इसे आगामी 1 जुलाई से देश के बाकी क्षेत्रीय कार्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
मंत्री रेड्डी का संबोधन
इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा:
“सी-केयर्स 2.0 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ और ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान का सशक्त उदाहरण है। यह पोर्टल पारदर्शिता, पहुंच और सुविधा को बढ़ावा देता है। मैं मंत्रालय से आग्रह करता हूं कि पोर्टल को लगातार अपडेट करते रहें और श्रमिकों से सुझाव भी लें।”
डेटा और डैशबोर्ड आधारित निगरानी
नई प्रणाली में एक विशेष डैशबोर्ड भी उपलब्ध है जो कोयला कंपनियों और CMPFO के लिए रिपोर्ट्स तैयार करने, रुझानों का विश्लेषण करने और निर्णय लेने में मदद करता है। इससे सेवा वितरण में गति और सटीकता लाई जा सकेगी।
एक कदम डिजिटल सामाजिक सुरक्षा की ओर
श्री रेड्डी ने कहा कि यह पहल कोयला श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। CMPFO, जो वर्ष 1948 से कोयला क्षेत्र के श्रमिकों को PF और पेंशन सेवाएं दे रहा है, आज 3.3 लाख PF धारकों और 6.3 लाख पेंशनभोगियों को सेवाएं प्रदान कर रहा है।
इस अवसर पर अपर सचिव श्रीमती रूपिंदर बरार ने कम समय में इस तकनीकी परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करने वाली टीम की सराहना की।