खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा के अनुसार हाल के दिनों में गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए स्टॉक सीमा की समीक्षा की है। 14 सितंबर 2023 से व्यापारियों, थोक विक्रेताओं और बड़े चेन रिटेलर्स के लिए स्टॉक लिमिट की सीमा 3,000 से 2,000 टन कर दी है।
जबकि 12 जून 2023 को गेहूं कारोबारियों के लिए मार्च, 2024 तक 3,000 टन गेहूं स्टॉक रखने की सीमा तय की थी। लेकिन गत एक माह में एनसीडीईएक्स पर गेहूं की कीमतों में चार फीसदी उछाल देखने को मिला। इससे गेहूं के दाम बढ़कर 2,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
जबकि देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता है, लेकिन कुछ लोग अपने स्तर पर गेहूं की कमी उत्पन्न करने की कोशिश में हैं। गेहूं के इंपोर्ट पर सरकार की ओर से टैक्स हटाने की कोई योजना नहीं है।
रूस से आयात गेहूं पर सरकार का रूख साफ है। सभी गेहूं स्टॉक करने वाली एंटिटी को गेहूं स्टॉक लिमिट पोर्टल https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर रजिस्टर करना आवश्यक है। सभी को अपने स्टॉक की जानकारी पोर्टल पर देनी होगी, जो ट्रेडर्स ऐसा नहीं करेंगे उनके खिलाफ आवश्यकता वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिनके पास तय स्टॉक लिमिट से ज्यादा स्टॉक है उन्हें नए आदेश के नोटिफिकेशन जारी होने के 30 दिनों के भीतर स्टॉक को तय लिमिट के भीतर लाना होगा। देश में गेहूं की कृत्रिम कमी न हो इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार स्टॉक लिमिट की मॉनिटरिंग करती रहेगी। इसकी कीमतों पर काबू पाने के लिए वो कड़ी नजर बनाए रखने के साथ बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।
गेहूं की बढ़ती कीमतों पर केंद्र सरकार हरकत में आ गई है।
गेहूं की बढ़ती कीमतों पर केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। अब गेहूं की स्टॉक लिमिट 3000 टन से घटाकर 2000 टन कर दी गई है। हालांकि सरकार का यह फैसला फौरी तौर पर लागू हो गया है।
गेहूं की बढ़ती कीमतों पर केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। अब गेहूं की स्टॉक लिमिट 3000 टन से घटाकर 2000 टन कर दी गई है। हालांकि सरकार का यह फैसला फौरी तौर पर लागू हो गया है।
गेहूं की बढ़ती कीमतों पर केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। अब गेहूं की स्टॉक लिमिट 3000 टन से घटाकर 2000 टन कर दी गई है। हालांकि सरकार का यह फैसला फौरी तौर पर लागू हो गया है।