विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह भाणावत ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा, “आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में केवल पुस्तकीय ज्ञान पर्याप्त नहीं है। छात्रों को उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित करना समय की मांग है। आज पूरे विश्व में अधिकांश लेखांकन कार्य आउटसोर्सिंग पर किया जा रहा है। आज उदयपुर में अकाउंटेंट यूके, यूएसए आदि देशों के लेखांकन कार्य किया जा रहा है। प्रति घंटे ८ से १२ डॉलर का भुगतान किया जा रहा है। स्किल आधारित कार्यशालाएं छात्रों को आत्मनिर्भर बनाते हुए उनके करियर निर्माण में सहायक सिद्ध होती हैं।” विभाग ने एन ई पी के तहत प्रैक्टिकल कोर्स भी प्रारंभ किए है जिनको पढ़ाने के लिए भी प्रशिक्षित फैकल्टी की जरूरत भी यह कार्यशाला पूरी करेंगी।
कार्यक्रम में एसोसिएट डीन तथा कार्यशाला की कन्वीनर डॉ. शिल्पा वार्डिया ने कहा, “भारत में प्रतिवर्ष लगभग 43 लाख छात्र स्नातक की डिग्री प्राप्त करते हैं, लेकिन उनमें से केवल 5% से भी कम को ही त्वरित रोजगार मिल पाता है। इसका मुख्य कारण तकनीकी एवं व्यावहारिक ज्ञान की कमी है।
इस कार्यशाला में विद्यार्थियों को टैली सॉफ्टवेयर के माध्यम से आधुनिक लेखांकन प्रणाली, जीएसटी बिलिंग, इनकम टैक्स रिपोर्टिंग, एवं फाइनेंशियल एनालिसिस जैसे विषयों की व्यावहारिक जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण विषय विशेषज्ञ सीए (डॉ.)हेमंत कडुनिया एवं सीए(डॉ.) हितेश कुदाल द्वारा किया जा रहा है, जिनके पास लेखांकन क्षेत्र का कई वर्षों का अनुभव है।
छात्रों ने कार्यशाला में उत्साहपूर्वक सहभागिता करते हुए बताया कि यह प्रशिक्षण उन्हें कॉर्पोरेट क्षेत्र की वास्तविक ज़रूरतों को समझने और स्वयं को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने में सहायक सिद्ध होगा। कई छात्रों ने कहा कि पहली बार उन्हें टैली जैसे अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर की इतनी गहराई से जानकारी प्राप्त होगी , जिसे वे अपना करियर बना पाएंगे।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. बी. एल. वर्मा ने कहा कि
विभाग की यह पहल न केवल विद्यार्थियों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है, बल्कि विश्वविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण, उद्योगोन्मुख और व्यवहारिक शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।